
बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट मामले में NIA की कोर्ट ने पांचों आरोपियों को दोषी करार दिया है. कोर्ट ने हालांकि अभी दोषियों को सजा नहीं सुनाई है. बम ब्लास्ट के दोषियों को सजा सुनाने के लिए कोर्ट की अगली सुनवाई 31 मई को होगी.
एनआईए कोर्ट के विशेष जज मनोज कुमार ने चार साल 10 माह 12 दिन के बाद मामले में अपना फैसला सुना दिया. कोर्ट ने 11 मई 2018 को दोनों पक्षों की दलीलें पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले में दोषी करार दिए गए हैदर अली, इम्तियाज अंसारी और मुजीबुल्लाह अंसारी रांची के रहने वाले हैं, जबकि उमर सिद्दीकी और अजहर कुरैशी छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रहने वाले हैं. सीरियल ब्लास्ट का सरगना हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी था.
7 जुलाई, 2013 की सुबह-सुबह बोधगया का महाबोधि मंदिर परिसर एक के बाद एक 10 बम धमाकों से दहल उठा था. पांच धमाके महाबोधि मंदिर परिसर के भीतर हुए थे, तीन तेरगर मठ में हुए थे जहां करीब 200 प्रशिक्षु भिक्षु रहते थे और एक-एक धमाका 80 फुट की बुद्ध प्रतिमा के पास और बाइपास के करीब बस स्टैंड पर हुए थे.
विस्फोट के बाद सुरक्षा बलों ने तीन बिना फटे और निष्क्रिय किए हुए बम भी बरामद किए थे. 7 जुलाई, 2013 की सुबह 5.30 से 5.58 के बीच हुए 10 धमाकों का एक ही मकसद था कि सुबह-सुबह जब बौद्ध अनुयायी प्रार्थना के लिए आएं तो खून-खराबा हो. तेरगर मठ में फटे तीन बम खेल के मैदान में लगाए गए थे, जहां नए भिक्षु फुटबॉल खेलते थे.