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मीडिया ट्रायल था बोफोर्स कांड: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बोफोर्स कांड को 'मीडिया ट्रायल' बताकर संभवत: एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. अपने स्वीडन दौरे से पहले एक स्वीडिश अखबार को इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही.

Pranab Mukherjee Pranab Mukherjee
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 मई 2015,
  • अपडेटेड 8:43 AM IST

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने बोफोर्स कांड को 'मीडिया ट्रायल' बताकर संभवत: एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. अपने स्वीडन दौरे से पहले एक स्वीडिश अखबार को इंटरव्यू में उन्होंने यह बात कही.

स्वीडन के अखबार 'डैगेन्स नायहेटर' ने पूर्व कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी से पूछा था कि उनकी नजर में क्या बोफोर्स स्कैंडल एक मीडिया ट्रायल था? इस पर उन्होंने कहा, 'सबसे पहले तो अभी यह साबित होना है कि वह एक स्कैंडल था. किसी भारतीय कोर्ट में यह बात साबित नहीं हुई है. बोफोर्स के लंबे समय बाद तक मैं देश का रक्षा मंत्री रहा हूं और हमारे सारे सेना जनरल्स ने उन हथियारों की तारीफ की थी. आज तक भी भारतीय सेना उनका इस्तेमाल करती है. आप जिस 'कथित स्कैंडल' की बात कर रहे हैं, हां मीडिया में वह खूब दिखा था. मीडिया ट्रायल था.'

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यह पूछे जाने पर कि क्या बोफोर्स स्कैम एक मीडिया स्कैंडल था, उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं पता. मैं ऐसा नहीं कह रहा, आप यह शब्द बोल रहे हैं. यह शब्द न कहें. मैं यह कह रहा हूं कि मीडिया में इसे खूब प्रचार मिला. लेकिन अब तक कथित स्कैंडल पर किसी भारतीय कोर्ट ने फैसला नहीं दिया है.'

गौरतलब है कि 1986 में कांग्रेस नेता राजीव गांधी की अगुवाई वाली भारत सरकार ने स्वीडिश हथियार कंपनी 'बोफोर्स' से 285 मिलियन का हथियारों का समझौता किया था. इसके तहत कंपनी को 155 एमएम की होवित्जर बंदूकें सप्लाई करनी थीं. बाद में स्वीडिश रेडियो ने आरोप लगाया कि बोफोर्स ने इस समझौते के एवज में शीर्ष भारतीय नेताओं और रक्षा अधिकारियों को रिश्वत दी. इस घोटाले के आरोपों के तीन साल बाद राजीव गांधी की पार्टी चुनाव हार गई थी.

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