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सेना में फर्जी बहाली का भंडाफोड़, बीआरसी के दो हवलदारों पर आरोप

पुलिस के मुताबिक सेना की बहाली में गड़बड़ी करने का आरोप दो हवलदारों पर लगे हैं. बीआरसी दानापुर में तैनात देवले और शेखर नाम के हवालदार मामले में आरोपी हैं. पुलिस इस मामले को लेकर रक्षा मंत्रालय को अवगत कराएगी.

आरोपियों के पास से सेना का फर्जी आई कार्ड बरामद आरोपियों के पास से सेना का फर्जी आई कार्ड बरामद
सुजीत झा
  • पटना,
  • 30 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 11:54 PM IST

भारतीय सेना में फर्जी बहाली के मामले में बिहार रेजिमेंट सेन्टर (बीआरसी) दानापुर के दो हवलदारों के नाम सामने आने से हलचल मच गई है. पटना पुलिस ने दावा किया है कि सेना के विभिन्न पदों पर बहाली में गड़बड़ी होती है. पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से सेना के फर्जी दस्तावेज और मोबाइल से बीआरसी दानापुर के दो हवलदारों से बातचीत के सबूत हैं.

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बीआसी के दो हवलदार शामिल

पुलिस कोर्ट से अनुमति लेने के बाद दोनों हवालदारों को गिरफ्तार करेगी. आशंका ये भी है कि इस खेल में सेना के बड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं. मामले सामना आने के बाद बीआरसी के अधिकारी सन्न है. पुलिस के मुताबिक सेना की बहाली में गड़बड़ी करने का आरोप दो हवलदारों पर लगे हैं. बीआरसी दानापुर में तैनात देवले और शेखर नाम के हवालदार मामले में आरोपी हैं. पुलिस इस मामले को लेकर रक्षा मंत्रालय को अवगत कराएगी. पटना के एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि इन हवालदारों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई होगी.

सेना में बहाली करने वाले एक गिरोह के पांच सदस्यों को शनिवार को गिरफ्तार किया था. दरअसल मुन्ना सिंह, राहुल कुमार, सतीश कुमार सिंह, नीतीश कुमार सिंह और विक्की कुमार की गिरफ्तारी बिहार कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक करने के आरोप में हुई थी लेकिन उनके पास से बरामद 3.50 लाख नकद, भारतीय सेना का फर्जी आईकार्ड, चेकबुक, एटीएम कार्ड समेत कई आपत्तिजनक चीजें बरामद हुईं. पुलिस ने जब पूछताछ कि तो पता चला कि ये गिरोह सेना में फर्जी बहाली भी कराता था.

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शक के दायरे में कर्नल की पत्नी

बिहार पुलिस ने जब आरोपियों मोबाइल सीडीआर खंगाला तो पता चला कि बीआरसी दानापुर में तैनात दोनों हवलदारों से इनकी लगातार बातचीत होती थी. इसमें से एक आरोपी ने बताया कि मजफ्फपुर में तैनात एक कर्नल विक्रम सिंह गोधार की पत्नी ने इससे मैसेंजर की नौकरी के नाम पर 12 लाख रुपए लिए थे लेकिन नौकरी नहीं हुई. कर्नल ने मुजफ्फपुर के थाने में 4 मार्च 2016 को धमकी देने का केस दर्ज कराया है. कर्नल कहा कि पत्नी पर रुपए के आरोप गलत हैं पुलिस जांच से सच्चाई सामने आ जायेगी.

पटना पुलिस मुन्ना सिंह के इस आरोप को सत्यापित करने मुजफ्फपुर भी पहुंची. पुलिस इस मामले में कर्नल से पूछताछ कर सकती है. सबसे बड़ी बात कि ये गिरोह 2004 से इस काम में लगा हुआ है ऐसे में पता नहीं कितने लोगों की बहाली सेंटिंग से सेना में कराई गई होगी. इस मामले का मुख्य सरगना गुरूजी अब भी फरार है.

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