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हड़ताल पर बॉलीवुड के वैनिटी वैन मालिक, शूटिंग में रुकावट

बॉलीवुड के वैनिटी वैन मालिक भारी टैक्स के विरोध में हड़ताल पर जाने वाले हैं. इसके चलते शूटिंग में भी रुकावट होगी.

वैनिटी वैन (फाइल फोटो) वैनिटी वैन (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 06 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST

वैनिटी वैन निकाय-ऑल कैंपर वैन ऑनर्स एसोसिएशन ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से भारी टैक्स लगाए जाने के विरोध में 10 दिसंबर से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. निकाय का कहना है कि यह टैक्स अन्य राज्यों के मुकाबले बहुत ज्यादा है. इसके चलते शूटिंग में भी रुकावट होगी.

500 कर्मचारी हो जाएंगे बेरोजगार

एसोसिएशन द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, हड़ताल के चलते 250 वैनिटी वैन खाली पड़ी रहेंगी. इस तरह की वैन के 500 कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे और शूटिंग में रुकावट होगी. इसका परिणाम यह होग कि  दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले करीब 5,000 कर्मचारियों को नुकसान झेलनापड़ेगा.

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एसोसिएशन ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के उस नियम के विरोध में हड़ताल की जाएगी, जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष 1.25 लाख रुपये की दर से प्रत्येक वैन से कर वसूलने का प्रावधान है. यह 5,000 वर्ग मीटर पर लगाए गए कर के बराबर है.

व्यापार बंद करने के कगार पर

एसोसिएशन के प्रेसिडेंट केतन रावल ने कहा, "सरकार एक राष्ट्र-एक टैक्स कहने का दावा कैसे करती है? हम इसके करीब कहीं भी नहीं हैं. भारत में कहीं भी वर्ग मीटर के आधार पर किसी भी वाहन पर टैक्स नहीं लगाया जाता है. यह केवल महाराष्ट्र में वैनिटी वैन के लिए हो रहाहै. उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में, वैनिटी वैन पर प्रति वर्ष 12,000 रुपये से अधिक टैक्स नहीं है, या कुछ मामलों में एक लाख रुपये का आजीवन टैक्स है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार के कारण हम अपने व्यापार को बंद करने के कगार पर हैं''

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केंद्र सरकार वाहन 4.0 नीति वैनिटी वैन का टैक्स प्रति वर्ष 12,000 रुपये दिखाती है, लेकिन महाराष्ट्र आरटीओ द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया गया है. गुजरात में 10 साल के लिए टैक्स 57,725 रुपये है, जबकि दिल्ली में वाहन के भार के आधार पर टैक्स लगाया जाता है. तेलंगानाऔर राजस्थान में ये प्रति वर्ष 12,000 रुपये है, जबकि त्रिपुरा में 68,175 रुपये का एक बार टैक्स लगाया गया है.

वैन को सील करने की धमकी

एसोसिएशन के मुताबिक, सदस्यों ने यह भी शिकायत की थी कि सेवा कर विभाग 14 फीसदी सेवा कर का भुगतान करने के लिए फरवरी 2018 से वैन मालिकों को परेशान कर रहा था. वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले पांच वर्षों के सेवा कर का भुगतान नहीं करने पर वैन को सील करने की धमकी दीहै.

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