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पाकिस्तान: लाल शाहबाज कलंदर दरगाह में ब्लास्ट, 100 की मौत, 250 घायल

पाकिस्तान में एक हफ्ते के भीतर यह पांचवां आतंकी हमला हुआ है. पुलिस के अनुसार यह धमाका सूफी रस्म 'धमाल' के दौरान हुआ. विस्फोट के समय दरगाह के परिसर के भीतर सैकड़ों की संख्या में जायरीन मौजूद थे.

मौके पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया मौके पर बचाव अभियान शुरू कर दिया गया
अमित कुमार दुबे
  • इस्लामाबाद,
  • 16 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 9:09 AM IST

पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान स्थित मशहूर लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर गुरुवार को हुए आत्मघाती हमले में करीब 100 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 250 ये ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस दरगाह को शिया मुसलमानों के लिए प्रसिद्ध इबादत गाह भी माना जाता है. ISIS ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

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हफ्तेभर में पांचवां आतंकी हमला
पाकिस्तान में एक हफ्ते के भीतर यह पांचवां आतंकी हमला हुआ है. पुलिस के अनुसार यह धमाका सूफी रस्म 'धमाल' के दौरान हुआ. विस्फोट के समय दरगाह के परिसर के भीतर सैकड़ों की संख्या में जायरीन मौजूद थे.

प्लानिंग के तहत दरगाह पर हमला
मिल रही जानकारी के मुताबिक हमलावर 'सुनहरे गेट' से दरगाह के भीतर दाखिल हुआ और पहले उसने ग्रेनेड फेंका लेकिन वह नहीं फटा. जिसके बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई. सहवान के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'आतंकवादी ने अफरा-तफरी मचाने के लिए पहले ग्रेनेड फेंका और फिर खुद को उड़ा लिया.' मारे गए लोगों में कई महिलाएं और बच्चे शामिल हैं.

एदी फाउंडेशन के फैसल एदी ने इस बात की पुष्टि की है कि 60 शवों को हैदराबाद और जमशोरो के अस्पताल में ले जाया गया है.

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ISIS ने ली हमले की जिम्मेदारी
वहीं आतंकी संगठन आईएसआईएस ने अपनी समाचार एजेंसी अमाक के जरिए हमले की जिम्मेदारी ली और कहा कि आत्मघाती हमलावर ने दरगाह में 'शिया लोगों' को निशाना बनाया. पाकिस्तान में साल 2005 से देश की 25 से अधिक दरगाहों पर हमले हुए हैं.

डॉक्टर्स की टीम मौके के लिए रवाना
हैदराबाद के आयुक्त काजी शाहिद ने कहा कि यह दरगाह दूरस्थ इलाके में स्थित है, ऐसे में हैदराबाद, जमशोरो, मोरो, दादू और नवाबशाह से एंबुलेंस और वाहनों के जरिए डॉक्टरों की टीम को मौके पर भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा, 'अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है और बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है.' सेना ने कहा कि सी130 विमान के जरिए घायलों को नवाबशाह लाया जाएगा.

नवाज शरीफ ने की हमले की निंदा
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने इस हमले की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान के लोगों से 'एकजुट होकर खड़े होने' की अपील की. वहीं सिंध प्रांत के गवर्नर सैयद मुराद अली शाह ने कहा कि पाकिस्तानी सेना से आग्रह किया गया है कि वह रात में उड़ सकने वाले हेलीकॉप्टर मुहैया कराए ताकि शवों और घायलों को लाया जा सके.

घायलों को अस्पताल तक पहुंचाने में दिक्कत
तालुका अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक मोइनुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि अस्पताल में लगातार शवों और घायलों को लाया जा रहा है. इलाके के सभी अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है. घटनास्थल से अस्पतालों की दूरी बहुत अधिक है. सबसे निकट चिकित्सा परिसर 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर है.

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वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तारिक विलायत ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि यह आत्मघाती विस्फोट है. विस्फोट दरगाह में महिलाओं के लिए आरक्षित क्षेत्र में हुआ.

मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका
विलायत ने कहा, 'सहवान पुलिस की ओर से प्रदान की गई शुरुआती सूचना के अनुसार यह आत्मघाती विस्फोट मालूम पड़ता है. मैं सहवान जा रहा हूं.' बचाव अधिकारियों ने कहा कि पर्याप्त एंबुलेंस नहीं होने की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है. हफ्ते में गुरुवार के दिन बड़ी संख्या में लोग दरगाह जाते हैं.

विलायत ने कहा, 'हैदराबाद और निकट के स्थानों से एंबुलेंस को मौके पर भेजा गया'. सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने तत्काल बचाव अभियान चलाने का आदेश दिया और सरकार ने हैदराबाद एवं जमशुरू जिलों के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी है.

लाल शाहबाज कलंदर सूफी दार्शनिक-शायर थे. सूफी दरगाह पर यह हमला उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार ने देश में आतंकी हमलों में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए उन सभी तत्वों को मिटाने का संकल्प लिया था जो देश में शांति और सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की जिसमें यह फैसला लिया गया.

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लगातार हमले से हड़कंप
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'बैठक में देश में पनपने वाले आतंकवाद या बाहर से अंजाम दिए जा रहे या प्रश्रय पाने वाले आतंकवाद के खात्मे का तथा देश की शांति एवं सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहे तत्वों को सरकार की ताकत से मिटाने का संकल्प लिया गया.' बैठक में आतंकवाद एवं अतिवाद के भौतिक एवं वैचारिक खात्मे के संकल्प को दोहराया गया.

गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भी बलूचिस्तान प्रांत में एक मशहूर सूफी दरगाह में धमाका हुआ था जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे. उस वक्त भी धमाका उसी समय हुआ था जब वहां 'धमाल' चल रहा था. उस वक्त आतंकी संगठन आईएसआईएस ने घटना की जिम्मेदारी ली थी.

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