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महाभारत के बाद फिरोज खान ने अपने नाम के आगे लगाया अर्जुन, ऐसा रहा अनुभव

फिरोज ने कहा कि इस किरदार को निभाने के बाद लोगों का मुझे बेहद प्यार मिला, इतना प्यार मिला कि उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं. मुझे याद है कि जब मैं कहीं जाता था कि वहां मौजूद हर उम्र के लोग मेरे पैर छूने के लिए आ जाते थे.

फिरोज खान फिरोज खान
जयदीप शुक्ला
  • मुंबई,
  • 23 मई 2020,
  • अपडेटेड 9:47 PM IST

महाभारत की लड़ाई में अर्जुन की निर्णायक भूमिका थी और इस बात से कोई भी असहमत नहीं होगा. एक तरफ जहां भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन का सारथी बन उन्हें युद्ध में विजय दिलाई. तो वहीं दूसरी तरफ युद्धक्षेत्र में अर्जुन को गीता का ज्ञान भी दिया. अर्जुन दुनिया के वो पहला इंसान थे, जिन्हें स्वंय भगवान के मुंह से गीता उपदेश सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. अर्जुन के बहाने आज गीता ज्ञान से पूरी दुनिया का मार्गदर्शन हो रहा है.

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अर्जुन पर श्रीकृष्ण की विशेष कृपा थी और इसीलिए श्रीकृष्ण उन्हें प्यार से पार्थ कहकर बुलाते थे. सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा का विवाह भी अर्जुन से करवाया थ.

बी आर चोपड़ा की महाभारत का लोगों पर ऐसा जादुई असर हुआ कि उसके बाद जितनी भी महाभारत बनीं कोई इस महाभारत का रिकॉर्ड तोड़ नहीं पाई. बी आर चोपड़ा की महाभारत में अर्जुन का किरदार निभाने वाले फिरोज खान से आजतक ने खास बातचीत की. आइए उनके नज़रिए से महाभारत को समझने की कोशिश करते हैं.

1) सवाल- अर्जुन के रूप में आप अपने किरदार का विश्लेषण कैसे करते हैं?

जवाब – एक अच्छा योद्धा, एक अच्छा मित्र , एक अच्छा पिता, एक आदर्शवादी भाई. इसके अलावा अर्जुन का जो किरदार है, वो दुनिया को ये सिखाता है कि आप अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित हो जाइए और उसे हर हाल में पूरा कीजिए, फिर चाहे किसी परेशानियां आएं या मुसीबतें लेकिन आप अपने लक्ष्य को पूरा करके ही दम लीजिए.

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2) सवाल - आप महाभारत को किस रूप में लेते हैं कहानी के रूप में, महाकाव्य के रूप में या इतिहास के रूप में

जवाब – शुरु तो ये हुआ है महाकाव्य के रूप में, लेकिन जब लोग इसकी गहराई में उतरे तो ये इतिहास निकला, कहानी ये इसलिए नहीं है क्योंकि महाभारत से जुड़े कई सारे सबूत आज भी दुनिया में मौजूद हैं. इसलिए ये हमारा इतिहास है, हालांकि कई लोग इसे आज भी महाकाव्य कहते हैं पर मेरे हिसाब से ये हमारा इतिहास है जिसे वेद व्यास जी ने बड़ी ही खूबसूरती से लिखा है.

3) सवाल – आप, अर्जुन और कृष्ण की दोस्ती को किस रूप में देखते हैं

जवाब – अर्जुन नर थे और कृष्ण नारायण थे लेकिन फिर भी अर्जुन और कृष्ण का अटूट रिश्ता था, अर्जुन कृष्ण के भक्त और सखा दोनों थे. अर्जुन और कृष्ण एक ही सिक्के के दो पहलू थे, अर्जुन की खूबियों को कैसे अच्छी तरह से इस्तेमाल करना है. ये अर्जुन से ज्यादा भगवान श्रीकृष्ण जानते थे और इसलिए जब भी अर्जुन , श्रीकृष्ण के साथ होते थे वो अजेय हो जाते थे. भगवान श्रीकृष्ण ने कहा भी है कि अर्जुन ही वो है जो तुम्हे नारायण के दर्शन करवाएगा. जब-जब अर्जुन मुसीबत में होते थे वासुदेव कृष्ण उनकी सहायता के लिए आ जाते थे और यही सच्चे दोस्ती की पहचान भी है कि सच्चा दोस्त कभी अपने मित्र को मुसीबत में अकेला नहीं छोड़ता है.

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4) सवाल – अर्जुन के किरदार को कई कलाकरों ने निभाया है, लेकिन अर्जुन के रूप में जितनी कामयाबी आपको मिली उतनी शायद आजतक किसी और कलाकार को नहीं मिली है, इसे आप किस रुप में देखते हैं?

जवाब – देखिए मुझे किसी कलाकार के ऊपर टिप्पणी करने का कोई हक नहीं है. हर कलाकार अपने हिसाब से अच्छा काम ही करता है. लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मैं आज भी लोगों के दिलों में अर्जुन के रूप में रहता हूं. वो इसलिए क्योंकि मैंने इस किरदार को करने के लिए बड़ी मेहनत की और सबसे बड़ी बात ये है कि मैंने अर्जुन के किरदार में अपनी पूरी जान डाल दी थी. आपको हैरानी होगी कि महाभारत के कई सीन्स में मैंने रोने के लिए ग्लीसरीन का इस्तेमाल नहीं किया था, मैं सीन्स में इतना खो जाता था कि अपने आप मेरी आंखों से आंसू बहने लगते थे. तो कहने का सार ये है कि मैंने अर्जुन के रोल को किरदार समझ कर नहीं निभाया है बल्कि मैंने उस किरदार को जिया है और जब आप किसी किरदार को जीते हैं तो आप वही बन जाते है.

देखिए हर किसी को अपना नाम बहुत अच्छा लगता है लेकिन जब मैंने अर्जुन का रोल किया तो मैं उस रोल में कितना घुल गया कि मैं अब असल में अपने नाम के आगे अर्जुन लगाता हूं. अगर आप मेरा सोशल मीडिया अकाउंट देखें तो आप पाएंगे कि मैंने अर्जुन फिरोज खान के नाम से सोशल मीडिया अकाउंट बनाया है तो आप समझ सकते हैं कि मेरे लिए इस किरदार के क्या मायने होंगे बस यही अंतर है मेरे और बाकी कलाकारों में जिन्होंने अर्जुन का किरदार निभाया था.

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5) सवाल - आप मुस्लिम समुदाय से हैं और मुझे लगता है कि आपने बचपन में किसी से महाभारत के बारे में सुना भी नहीं होगा, ऐसे में जब आपको पता चला कि आपको अर्जुन का किरदार निभाना है तो उस किरदार को लेकर क्या कोई परेशानी आई.

जवाब – बिल्कुल सही कहा आपने मैंने बचपन में महाभारत के बारे में कुछ नहीं सुना था लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि ये तकदीर से जुड़ा हुआ रिश्ता है जो मुझे निभाने का मौका मिला. जब मुझे ये रोल मिला तो मुझे बस इतना पता था कि अर्जुन कोई हैंडसम कैरेक्टर है. जो रथ पर सवार है और उसके हाथ में तीर-कमान है और जिसे लोग काफी आदर देते हैं. यहां मैं एक बात और बता दूं कि जो क्रिएटिव आदमी होता है, उसका कोई धर्म या जात नहीं होती है. वो अपने काम से ही पहचाना जाता है और इसलिए जब मुझे किरदार मिला तो मैं इस किरदार के ऊपर जमकर मेहनत की और अपना 100 फीसदी इस किरदार में झोंक दिया.

इसलिए मुझे मुस्लिम होते के नाते इस रोल को निभाने में कोई दिक्कत नहीं आई. क्योंकि मैंने अपनी पूरी शक्ति इस रोल में डाल दी थी और अगर आप कोई काम पूरी श्रद्धा और लगन से करते हैं तो कामयाबी तो आपको मिलेगी ही, मात्र कर्म ही मनुष्य का धर्म है.

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6) सवाल - अर्जुन का किरदार निभाने के बाद जब आप लोगों के बीच गए तो लोगों के साथ आपका अनुभव कैसा रहा?

जवाब – इस किरदार को निभाने के बाद लोगों का मुझे बेहद प्यार मिला, इतना प्यार मिला कि उसे मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं. मुझे याद है कि जब मैं कहीं जाता था कि वहां मौजूद हर उम्र के लोग मेरे पैर छूने के लिए आ जाते थे. हालांकि कई बार मुझे संकोच भी होता था लेकिन लोगों की श्रद्धा के आगे आप क्या बोल सकते हैं. एक बार मुझे याद है कि मैं लंदन में था तो वहां एक गुजराती फैमिली ने मुझे मंदिर के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था. जब मैंने पहली बार उस मंदिर का दरवाजा खोला तो मैंने देखा कि कृष्ण के रूप में नितिश भारद्वाज और अर्जुन के रूप में मेरी मूर्ति वहां रखी हुई थी और ये मैं वाकई भाव विभारो हो गया.

7) सवाल - हमने सुना है कि आपके बेटा भी कलाकार है और कई सीरियल और फिल्मों में काम भी कर चुका है

जवाब – जी मेरा बेटा जिबरान खान मुझसे भी बड़ा कलाकार है और वो फिल्म रिश्ते में अपनी बेहतरीन एक्टिंग के लिए नेशनल अवॉर्ड भी जीत चुका है. इसके अलावा वो बॉलीवुड की कई और बड़ी फिल्मों में भी काम कर चुका है और जल्द ही वो एक और बड़ी फिल्म में लीड रोल करने वाला है. इसके अलावा अगर आप सीरियल की बात करें तो सीरियल विष्णु पुराण में इसने धुव्र का रोल प्ले किया था जो दर्शकों को काफी पसंद भी आया था. तो बस मैं अपने फैन्स से यही कहना चाहता हूं कि जितना प्यार आपने मुझे दिया उससे भी ज्यादा प्यार आप मेर बेटे को दें

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