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BRD अस्पताल ने अब तक नहीं दिया परमानेंट ऑक्सीजन सप्लाई का टेंडर

वहीं अभी भी अस्पताल के ICU और वार्ड में रात के समय सीनियर डॉक्टरों गायब हैं. वहीं अभी भी अस्पताल में एक ही बेड पर तीन से चार बच्चों का इलाज चल रहा है.

संकेतात्मक फोटो संकेतात्मक फोटो
शिवेंद्र श्रीवास्तव
  • गोरखपुर,
  • 30 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 3:21 PM IST

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. अस्पताल के बाल रोग विभाग में पिछले 72 घंटों में 61 बच्चों ने दम तोड़ा. लेकिन लगता है प्रशासन इससे अभी भी सबक नहीं ले रहा है. पहले भी लापरवाही के कारण कई बच्चों की जान जा चुकी है, लेकिन अस्पताल में अभी तक भी परमानेंट ऑक्सीजन सप्लाई का टेंडर जारी नहीं किया गया है.

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रात को नहीं उपलब्ध सीनियर डॉक्टर

वहीं अभी भी अस्पताल के ICU और वार्ड में रात के समय सीनियर डॉक्टरों गायब हैं. वहीं अभी भी अस्पताल में एक ही बेड पर तीन से चार बच्चों का इलाज चल रहा है. इसके अलावा आईसीयू विजिटर्स के लिए किसी भी तरह का स्टैंडर्ड ऑपरेशन प्रोसिजर फॉलो नहीं किया जा रहा है. अस्पताल में अभी भी सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है.

फिर हुई बच्चों की मौत

गौरतलब है कि बुधवार को ही 61 बच्चों की मौत की खबर आई थी. अस्पताल अधिकारियों के मुताबिक, 27, 28 और 29 अगस्त को अस्पताल में 61 बच्चों की मौत हुई. इनमें इंसेफलाइटिस वार्ड में 11 बच्चों, नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में 25, वहीं शिशु चिकित्सा वार्ड में 25 बच्चों की मौत हुई. अधिकारियों के मुताबिक, ये बच्चे इंसेफलाइटिस के अलावा नवजात बच्चों को होने वाली न्यूमोनिया, सेप्सिस जैसी बीमारियों से पीड़ित थे.

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उन्होंने बताया कि आसपास के इलाके के लोग अपने बच्चों को अति गंभीर होने पर इलाज के लिए इसी अस्पताल लेकर आते हैं. इस वजह से अस्पताल पर भी काफी दबाव रहता है. वहीं स्थानीय डॉक्टरों के मुताबिक, गोरखपुर और इसके आसपास के इलाकों में भारी बारिश और बाढ़ को देखते हुए आने वाले दिनों में इंसेफलाइटिस का प्रकोप बढ़ने की आशंका है.

आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इंसेफलाइटिस से पीड़ित 60 से ज्यादा बच्चों की मौत का मामला सामने आया था. इस मामले में ऑक्सीजन की कमी से दर्जनों बच्चों की मौत के आरोप लगे थे. इस मामले में विपक्षी पार्टियों ने राज्य सरकार पर जमकर हल्ला बोला था, हालांकि यूपी सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से इनकार किया था.

 

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