
महाराष्ट्र के रायगढ़ में मुंबई-गोवा हाईवे पर बना पुल ढह जाने से पानी में बहे लोगों में से 15 के शव बरामद कर लिए गए हैं. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री प्रकाश महेता ने 'आज तक' को बताया कि अब तक 15 शव बरामद हुए हैं, जबकि 50 लोग अभी भी लापता हैं. इन 15 शवों में 12 शवों का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया गया है.
तलाशी अभियान के दौरान 40 घंटे बाद अरब सागर में 80 किलोमीटर अंदर एक ड्राइवर का शव भी बरामद हुआ है. फिलहाल बाकी लापता लोगों की तलाश के लिए ऑपरेशन जारी है.
नदी में डाली 300 किलो का चुंबक
राहत और बचाव दल ने लापता वाहनों का पता लगाने के लिए 300 किलोग्राम का चुंबक नदी में डाला है. एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि चुंबक में कुछ फंसा है, जिसे नदी से बाहर निकालने का प्रयास किया जा रहा है. फिलहाल अभियान में नौसेना और तटरक्षक के जवान लगे हुए हैं.
बाढ़ में बह गया था ब्रिटिश काल का पुल
दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने पुल गिरने की घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया है. मंगलवार की देर रात रायगढ़ जिले में महाड़ के पास ब्रिटिश काल के एक पुल के ध्वस्त हो जाने से राज्य परिवहन की दो बसों समेत कई वाहन सावित्री नदी के उफान में बह गए थे. बह गई दो बसों में करीब 22 लोग सवार थे .
घटनास्थल भेजी गई विशेषज्ञों की टीम
इस मुद्दे पर राज्य विधानसभा में हुई चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कहा, 'मामले की न्यायिक जांच कराई जाएगी.' उन्होंने कहा कि आईआईटी विशेषज्ञों के एक दल को गुरुवार को घटनास्थल पर भेजा गया है. फडणवीस ने कहा कि पुराने पुलों की संरचनात्मक ऑडिट के लिए निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने साथ ही कहा कि प्रारंभिक संरचनात्मक ऑडिट भी कराया जाएगा.
पुल के जर्जर होने की मिली थी शिकायत
फडनवीस ने बताया कि साल 2013 में तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री को पुल की जर्जर स्थिति के बारे में शिकायत मिली थी.
रेस्क्यू ऑपरेशन का दायरा बढ़ाने की मांग
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि सरकार को तलाशी अभियान का दायरा बढ़ाना चाहिए. उन्होंने कहा कि एक शव दुर्घटनास्थल से 100 किलोमीटर की दूरी पर मिला है, जिससे ये पता चलता है कि रेस्क्यू ऑपरेशन का दायरा बढ़ाए जाने की जरूरत है. विखे पाटिल ने आरोप लगाया कि सरकारी तंत्र ने लापरवाही बरती, जिसके परिणामस्वरूप यह घटना हुई.