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ब्रिटिश सेना के प्रमुख एक सिख रेजिमेंट तैयार करना चाहते हैं. ब्रिटिश अखबार 'द टेलीग्राफ' ने एक मंत्री के हवाले से यह खबर दी है. ब्रिटिश मंत्री मार्क फ्रांकोइ ने हाउस ऑफ कॉमन्स से कहा कि चीफ ऑफ जेनरल स्टाफ सर निक कार्टर एक सिख यूनिट बनाना चाहते हैं, जिसमें सिखों की गौरवशाली परंपराओं की विरासत होगी. ब्रिटिश सेना में 19वीं सदी में हजारों सिखों ने सर्विस की थी. वे दोनों ही विश्व युद्धों में लड़े थे. उनमें से 10 सिखों को विक्टोरियो क्रॉस भी मिला था.
हालांकि इस तरह का प्रयास कोई नया नहीं है. पहले भी ऐसा प्रयास किया जा चुका है, जिसे ब्रिटिश रक्षा मंत्रालय ने खारिज कर दिया था. उसका कहना था कि इस तरह के कदमों को नस्लवादी माना जा सकता है.
इंग्लैंड के पूर्व रक्षा मंत्री सर निकॉलस सोमीज ने मंत्रियों से कहा कि वे बेकार की राजनीतिक बातों में न उलझें और सिख रेजिमेंट के गठन की बात करें. उनका कहना था कि सिख रेजिमेंट के बनने से ब्रिटिश फौज में जो कमियां हैं वे खत्म हो जाएंगी.
उनकी बातों के जवाब में रक्षा मंत्री फ्रैंकोइ ने कहा कि हमने यह प्रस्ताव चीफ ऑफ स्टाफ के पास भेजा है. वह इस मामले पर विचार कर रहे हैं और अब उनके कमेंट का इंतजार है. उन्होंने कहा कि इस बात में दम है.
ब्रिटिश आर्मी में 160 सिख हैं और इनमें से 130 थल सेना में हैं. समझा जा रहा है कि पहले एक सिख कंपनी बनाई जाएगी और फिर सिख रेजिमेंट. लेकिन इस काम में एक बड़ी अड़चन यह है कि ब्रिटिश सेना के पास बजट बहुत कम है. अब उसमें कटौती होती जा रही है.