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आईएसआईएस ने पिछले कुछ महीनों में इस्लाम और इस्लामिक स्टेट के नाम पर इराक और सीरिया को जंग के मैदान में झोंक दिया है. जो इस्लाम के नाम पर तमाम खून-खराबा कर रहा है. बाकायदा कैमरे पर बेबस बंदियों के सिर कलम कर उन्हें दुनिया को दिखा रहा है. उसी आईएसआईएस का ये वो नंगा सच है जिसके बाद बंदूक के बल पर इस्लामी हुकूमत कायम करने की उसकी मंशा का सारा सच बेनकाब हो जाता है. ये वो नंगा सच है जो साबित करता है कि आईएसआईएस सिर्फ और सिर्फ एक आतंकवादी संगठन है और उसका इस्लाम या इस्लामिक स्टेट से कोई लेना देना नहीं है.
आईएसआईएस के आतंकी नरसंहार और दूसरी तमाम ज्यादती के अलावा लड़कियों को कैद कर इनकी बोली लगा रहे हैं. इन्हें जंजीरों से बांध कर रखा जाता है. आतंकवादी जानवरों की तरह इंसानों का सौदा कर रहे हैं. ये चंद डॉलर के बदले लड़कियों को बेच दे रहे हैं और खरीदी गई लड़कियों से बलात्कार किया जा रहा है.
आतंकवादियों ने यजीदी समुदाय की एक लड़की को सिंजर की पहाड़ियों पर पकड़ा. उसके घरवालों को मौत के घाट उतार दिया गया. फिर कब-कब और कहां-कहां इस लड़की से ज्यादती हुई, इसे भी पता नहीं.
15 साल की इस लड़की ने आईएसआईएस का वो चेहरा देखा है जिसे देखते ही किसी की रूह फना हो जाए. यह लड़की कहती है, 'आतंकवादियों ने हमें सिंजर की पहाड़ियों पर पकड़ा और अपने साथ ले गए. वो हमें ऐसी जगह ले गए जहां केवल आईएसआईएस के आतंकवादी थे. हमारे ऊपर बेतरह जुल्म किए गए. वहां पांच साल की बच्चियों से भी बलात्कार किया गया.'
आईएसआईएस आतंकवादियों के चंगुल से बच निकलने वाली इस लड़की की कहानी रौंगटे खड़े करने वाली है. इस लड़की ने अपने उसी खरीदार के सिर में गोली मार दी, जिसने उसे आईएसआईएस के आतंकवादियों से खरीदा था. लेकिन इसके बाद वो एक बार फिर उन्हीं आतंकवादियों के चंगुल में जा फंसी, जिन्होंने उसे बेचा था.
आईएसआईएस के हमले से लहुलूहान इराक की लड़कियों की मुसीबत भी अजीब है. क्योंकि यहां दूल्हे खुद आईएसआईएस के आतंकवादी हैं और दुल्हन इन्हीं आतंकवादियों का शिकार बने घरों की बेसहारा और लाचार लड़कियां. यानी शादी ना करने का मतलब है, मौत... और करने का मतलब है... तिल-तिल कर मौत...