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BS-IV वाहनों पर SC का फैसला, 31 मार्च के बाद बिकी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा

अदालत ने केंद्र सरकार से 31 मार्च के बाद ई वाहन पोर्टल पर जिन वाहनों के विवरण अपलोड किए गए हैं, उनका डाटा मांगा है. अदालत ने कहा कि अगर वाहन को पोर्टल पर अपलोड किया गया है तो ही पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी. 31 मार्च 2020 के बाद बेचे जाने वाले बीएस-IV वाहन KA पंजीकृत नहीं किया जाएगा.

BS-IV वाहनों पर SC का बड़ा फैसला BS-IV वाहनों पर SC का बड़ा फैसला
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 08 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 4:03 PM IST

देशभर में 31 मार्च से BS-IV वाहनों की बिक्री पर रोक के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अपने 27 मार्च के आदेश को वापस ले लिया है. कोर्ट के इस फैसले के बाद 31 मार्च 2020 के बाद बिके BS-IV वाहनों का रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.

बता दें कि बीएस का मतलब भारत स्टेज से है. इसका संबंध वाहनों द्वारा पैदा होने वाले प्रदूषण से है. बीएस का लेवल वाहनों का प्रदूषण तय करता है. बीएस का लेवल जितना ज्यादा रहेगा, वाहन उतना ही कम प्रदूषण पैदा करेगा.

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इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से 31 मार्च के बाद ई-वाहन पोर्टल पर जिन वाहनों के विवरण अपलोड किए गए हैं, उनका डाटा मांगा है. अदालत ने कहा कि अगर वाहन को पोर्टल पर अपलोड किया गया है तो ही पंजीकरण की अनुमति दी जाएगी और 31 मार्च 2020 के बाद बेचे जाने वाले बीएस-IV वाहनों का पंजीकरण नहीं किया जाएगा. बता दें कि ई-वाहन पोर्टल पर 17000 से अधिक वाहनों का विवरण अपलोड नहीं किया गया है.

अदालत ने कहा कि यह अदालत के आदेश की भावना का उल्लंघन होगा यदि हम लॉकडाउन खोलने के बाद BS-IV बिक्री की अनुमति देते हैं.

FADA की याचिका पर सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FADA) की याचिका पर सुनवाई कर रही थी. अब इस मामले की सुनवाई 23 जुलाई को होगी.

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बता दें कि 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन तक बेचने की छूट दी थी. शीर्ष अदालत ने कहा था कि डीलर सिर्फ 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को लॉकडाउन खत्म होने के बाद 10 दिन के भीतर बेच सकते हैं.

क्या है मामला

सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन के लिए 31 मार्च 2020 की डेडलाइन तय की थी. इसी के बीच में 22 मार्च को जनता कर्फ्यू था, जबकि 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू हो गया. इधर डीलरों के पास बड़ी संख्या में BS-4 टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर गाड़ियां बिक्री के लिए बची थीं. इसलिए डीलर बीएस-4 वाहनों की बिक्री और रजिस्ट्रेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे. इसपर सुप्रीम कोर्ट ने डीलरों को 10 फीसदी बीएस-4 वाहनों को बेचने की परमिशन दी थी.

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