
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने अपने 61वें जन्मदिन के अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कार्यकर्ताओं से नोटबंदी के दौर में जरूरतमंदों की आर्थिक मदद कर उनका जन्मदिन कल्याणकारी बनाने की अपील की. इस दौरान मायावती ने मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला और बीजेपी-सपा पर गठजोड़ कर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया.
अपने जन्मदिन पर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी-समाजवादी पार्टी पर चुनाव फिक्सिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि वोटों की सियासत के लिए सांप्रदायिकता फैलाई जा रही है, वहीं कांग्रेस को माया ने वेटिंलेटर पर बताया. बसपा प्रमुख ने कहा कि चुनाव के नजदीक आने पर ही बीजेपी को उनके परिवार के कारोबार में गलतियां दिख रही हैं. अगर उनके परिवार के छोटे-मोटे कारोबार में कोइ गड़बड़ी थी, तो ढाई साल से बीजेपी चुप क्यों थी. माया ने बीजेपी पर अपने खिलाफ घिनौने षड्यंत्र करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी का यह दांव उन्हें ही उल्टा पड़ेगा.
मायावती ने अमित शाह पर किया सीधा वार करते हुए कहा, 'बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को मेरे और परिवार के संपत्ति के बारे में जानने की ज्यादा दिलचस्पी है. मेरी मांग है कि देश की सभी पार्टियों के 300 बड़े नेताओं और उनके रिश्तेदारों की लिस्ट बनाकर उनकी संपत्ति की जांच कराई जानी चाहिए, जिससे असलियत सबके सामने आ जाए. जब-जब विरोधियों ने बसपा के खिलाफ घिनौने हथकंडे अपनाए, तब-तब बसपा और ताकतवर बनकर उभरी है.'
जन्मदिन पर कोई जश्न नहीं
बसपा सुप्रीमो ने बोला, 'यूपी में अब कोई नए स्मारक या पार्क नहीं बनाए जाएंगे. मेरे जन्मदिन को हमारे लोग सपा की तरह शाही अंदाज में नहीं मनाते हैं, बल्कि मेरा जन्मदिन सादगी से मनाते हैं. लोग मेरा जन्मदिन लोक कल्याण दिवस की तरह मनाते हैं. आचार संहिता और नोटबंदी की वजह से मैं अपनी पार्टी के लोगों की आर्थिक मदद नहीं कर पा रही हूं.' माया ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि उनका जन्मदिन जन कल्याण दिवस के रूप में मनाया जाए.
नोटबंदी का ऐलान पीएम का राजनीतिक स्वार्थ
मायावती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणाओं पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पीएम चुनाव देखकर ताबड़-तोड़ घोषणाएं कर रहे हैं. उन्होंने राजनीतिक स्वार्थ में नोटबंदी का ऐलान किया. बीजेपी 8 नवंबर के 10 महीने पहले अपने-अपने नेताओं और चहेते उद्योगपतियों के बैंक अकाउंट को सार्वजनिक करे. बीजेपी यह नहीं बता पा रही है कि नोटबंदी के बाद कितना काला धन आया, कितने भ्रष्ट लोग पकड़े गए और कितने लोगों पर कार्रवाई हुई है.
बिहार की तरह ही यूपी में भी हारेगी बीजेपी
मोदी सरकार लोकसभा के चुनावी वादों का एक चौथाई भी पूरा नहीं कर पाई है. चुनाव के पहले केंद्रीय मंत्रियों ने घोषणाओं और शिलान्यास की बाढ़ लगा दी. बीजेपी ढाई साल के शासन में अपने किसी वादे को पूरा नहीं कर पाई, जिससे यूपी की 22 करोड़ जनता में आक्रोश व्याप्त है.
नोटबंदी को 50 दिनों से ज्यादा होने पर भी नहीं सुधरे हालात
मायावती ने कहा कि नोटबंदी के 50 दिन से ज्यादा होने के बाद भी हालात सामान्य नहीं हैं. नोटबंदी का फैसला लेने के 10 महीने पहले ही मोदी सरकार ने अपने चहेते धन्नासेठों और नेताओं के पैसों को ठिकाने लगा दिया था. 27 दिसंबर को कहा था कि भाजपा अपना हिसाब-किताब उजागर करे, पर किया नहीं इससे पता चलता है कि यह कितने बेदाग हैं.
राजनीतिक फायदे के लिए बीजेपी ने पार की सारी हदें
माया ने बीजेपी पर राजनीतिक फायदे के लिए घिनौने हथकंडे अपनाने का आरोप लगाया और कहा, 'मेरे परिवार के द्वारा रूटीन में नियमों के तहत पैसा जमा करने को मीडिया से उजागर कराया गया. राजनीतिक स्वार्थ में हदें पार करते हुए कभी पार्टी और कभी परिवार वालों के कारोबार को लेकर मीडिया में जानबूझकर खबरें प्रदर्शित करवाए गए. लेकिन इससे बीएसपी को ही फायदा हो रहा है. इससे जनता यह सोचने को मजबूर हो रही है कि बीसपी ही सत्ता में आ रही है. ढीले पड़े वोट भी जीताने में लग जाएंगे. बीजेपी के घिनौने हरकतों के लिए आभार व्यक्त करती हुं.'