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मायावती ने इसलिए अपने भाई को उपाध्यक्ष पद से हटाया

उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा, 'लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के कामकाज को देखने के लिए आनंद कुमार को उपाध्यक्ष बनाया था, लेकिन हमारी पार्टी के भीतर भी कांग्रेस की तरह परिवारवाद की चर्चा शुरू हो गई थी.

बसपा सुप्रीमो मायावती बसपा सुप्रीमो मायावती
जावेद अख़्तर
  • लखनऊ,
  • 27 मई 2018,
  • अपडेटेड 8:19 AM IST

शनिवार को लखनऊ में बहुजन समाज पार्टी की अखिल भारतीय बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और उन्होंने अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से हटाने का भी ऐलान किया.

भ्रष्टाचार के कथित मामलों को लेकर विवादों में रहे आनंद कुमार को पद से हटाने के पीछे मायावती ने वजह भी बताई. उन्होंने इसकी वजह बताते हुए कहा, 'लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के कामकाज को देखने के लिए आनंद कुमार को उपाध्यक्ष बनाया था, लेकिन हमारी पार्टी के भीतर भी कांग्रेस की तरह परिवारवाद की चर्चा शुरू हो गई थी. लोगों ने आनंद कुमार की तर्ज पर अपने नाते रिश्तेदारों को रखने की सिफारिश शुरू कर दी थी.'

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आनंद ने खुद पद छोड़ने के लिए कहा

मायावती ने पार्टी में परिवारवाद की जड़ें पनपने की बात कहते हुए ये भी बताया कि उनके पार्टी नेताओं की तरफ से कई सिफारिश तो सीधे उनके पास तक ही आने लगी थीं. मायावती ने बताया, 'ऐसे में पार्टी को मूवमेंट से डिगता देख आनंद कुमार ने खुद ही पद छोड़ने की इच्छा जताई जिसे मैंने स्वीकार कर लिया और अब वह राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नहीं रहेंगे.'

पार्टी में नहीं चलेगा परिवारवाद

मायावती ने बताया, 'मुझे खुद को भी मिलाकर तथा मेरे बाद अब आगे भी बसपा का जो भी 'राष्ट्रीय अध्यक्ष' बनाया जायेगा तो फिर उसके जीते-जी व ना रहने के बाद भी उसके परिवार के किसी भी नजदीकी सदस्य को पार्टी संगठन में किसी भी स्तर के पद पर नहीं रखा जाएगा, यानी उनके परिवार के सदस्य बिना किसी पद पर बने रहकर और एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में ही केवल अपनी निःस्वार्थ भावना के साथ ही पार्टी में कार्य कर सकते है.' मायावती ने यहां ये भी साफ कर दिया कि आने वाले 20-22 सालों तक कोई भी उनका उत्तराधिकारी बनने की न सोचे.

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