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मन्ना सिंह मर्डर केस: 8 साल बाद मुख्तार अंसारी सहित 8 बरी, 3 दोषी

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में ठेकेदार मन्ना सिंह और उनके साथी राजेश राय मर्डर केस में बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आठ साल बाद विधायक मुख्तार अंसारी सहित आठ लोगों को बरी कर दिया, वहीं तीन लोगों को दोषी करार दिया है. यह फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश आदिल आफताब अहमद की अदालत ने सुनाया.

बसपा विधायक मुख्तार अंसारी बसपा विधायक मुख्तार अंसारी
मुकेश कुमार
  • लखनऊ,
  • 28 सितंबर 2017,
  • अपडेटेड 8:37 AM IST

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में ठेकेदार मन्ना सिंह और उनके साथी राजेश राय मर्डर केस में बुधवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आठ साल बाद विधायक मुख्तार अंसारी सहित आठ लोगों को बरी कर दिया, वहीं तीन लोगों को दोषी करार दिया है. यह फैसला फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश आदिल आफताब अहमद की अदालत ने सुनाया.

मऊ फास्ट ट्रैक कोर्ट के न्यायाधीश आदिल आफताब अहमद ने अपने आदेश में कहा कि मुख्तार अंसारी, राकेश पांडेय, अनुज कन्नौजिया, उमेश सिंह, रजनीश सिंह, उपेंद्र उर्फ कल्लू सिंह, संतोष सिंह और पंकज सिंह को सभी आरोपों से दोषमुक्त करार दिया जाता है. अमरेश कन्नौजिया, अरविंद यादव और जामवंत को दोषी ठहराया जाता है.

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मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई मंसूर अंसारी ने बताया कि न्यायालय ने इस हत्याकांड में विधायक मुख्तार अंसारी सहित आठ लोगों को बरी कर दिया है. तीन लोगों को इस मुकदमे में दोषी पाया है, जिसकी सजा न्यायालय एक-दो दिन में सुनाएगी. बताया जा रहा है कि दोषी करार दिए गए लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई जा सकती है.

ठेकेदार मन्ना सिंह और राजेश राय की 29 अगस्त, 2009 को कोतवाली शहर के नरई बांध के पास यूनियन बैंक के पास बाइक सवार बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस मामले में हरेंद्र सिंह की तहरीर पर पुलिस ने मुख्तार सहित 11 लोगों पर केस दर्ज किया था. 8 साल तक चली सुनवाई के दौरान 22 गवाहों में से 17 गवाह पेश किए गए.

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