
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जब संसद में अपना आम बजट पेश किया, तो सबके दिमाग में यह बात थी कि आखिर वे गांवों की तरक्की के लिए क्या देने वाले हैं. हमारे देश की एक बड़ी आबादी न केवल गांवों में रहती है, बल्कि गांवों के उत्पाद पर आधारित व्यवसाय पर जीवित है. ऐसे में इस ओर ज्यादा ध्यान दिए जाने की दरकार थी. जानिए क्या-क्या मिला गांवों को...
गांवों को इंटरनेट से जोड़ने के लिए 500 करोड़ रुपये
सरकार ने अपनी ‘डिजिटल भारत’ पहल के तहत 500 करोड़ रुपये का आवंटन करने की घोषणा की है. इसके तहत गांवों में ब्रॉडबैंड नेटवर्क लगाया जाएगा और हार्डवेयर तथा भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पादों के स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा. ‘डिजिटल भारत’ पहल के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण इंटरनेट व प्रौद्योगिकी मिशन, सरकार गांवों में ब्रॉडबैंड की स्थापना पर ध्यान केंद्रित करेगी.
हार्डवेयर व भारतीय साफ्टवेयर उत्पादों के स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देगी. जेटली ने संसद में कहा, ‘सॉफ्टवेयर क्षेत्र के स्टार्टअप पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. गांवों में राष्ट्रीय ग्रामीण इंटरनेट व प्रौद्योगिकी मिशन सेवा तथा आईटी में प्रशिक्षण के लिए मैं 500 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव करता हूं.’
एक अन्य कदम से प्रौद्योगिकी फर्मों को ज्यादा अवसर उपलब्ध होगा, जिसका प्रस्ताव वित्त मंत्री ने 100 स्मार्ट सिटी के रूप में किया है. इसके लिए सरकार 7,060 करोड़ रुपये प्रदान करेगी. लघु व मझोले उपक्रमों की आमदनी बढ़ाने के लिए वित्तमंत्री ने कहा कि विनिर्माण इकाइयों को अपने उत्पाद रिटेल व ई-कॉमर्स प्लेटफार्म के जरिए बेचने की अनुमति होगी.
खेती-बाड़ी के लिए 24 घंटे बिजली देने का मॉडल
सरकार ने कृषि और गैर-कृषि उपभोक्ताओं के लिए बुनियादी ढांचा अलग कर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के गुजरात मॉडल को लागू करने के इरादे से प्रस्तावित योजना के लिए 500 करोड़ रुपये की मदद देने का प्रस्ताव किया.
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा, ‘ग्रामीण इलाकों में बिजली की आपूर्ति बढ़ाने तथा सब ट्रांसमिशन तथा वितरण प्रणाली को मजबूती प्रदान करने के मकसद से फीडर अलग करने को लेकर दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना शुरू की जाएगी. इसके लिए 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.’
उन्होंने कहा, ‘आर्थिक वृद्धि के लिए बिजली महत्वपूर्ण तत्व है और हम सभी घरों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’ कृषि और गैर-कृषि फीडर (बिजली उत्पादन इकाई से वितरण नेटवर्क तक पारेषण के लिये बिजली लाइन) को अलग कर 24 गुना 7 बिजली आपूर्ति मॉडल को फिलहाल गुजरात अपना रहा है. राज्य की 'ज्योतिग्राम योजना' के तहत 24 घंटे बिजली ग्रामीण क्षेत्रों में दी जा रही है. इसके तहत अलग-अलग रहने वाले किसानों को बिजली देने के लिए फीडरों में विशेष रूप से डिजाइन किए गए ट्रांसफॉर्मर लगे हैं.
हर किसान को मिलेगा मिट्टी की उर्वरता का कार्ड
वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आम बजट पेश करते हुए कहा कि मिट्टी की उर्वरता में गिरावट चिंता का विषय है और इससे खेती के संसाधनों का भरपूर इस्तेमाल नहीं हो पाता है. उन्होंने कहा कि सरकार हर किसान को 'मृदा उर्वरता कार्ड' उपलब्ध कराने के लिए एक योजना शुरू करेगी. वित्तमंत्री ने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया.
जेटली ने कहा कि देशभर में 100 'सचल मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं' स्थापित करने के लिए अतिरिक्त 56 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. विभिन्न प्रकार के खादों के इस्तेमाल में असंतुलन के बारे में चिंता बढ़ी है, जिसके कारण मिट्टी की गुणवत्ता में गिरावट हुई है.
'यूरिया की कीमतों में वृद्धि का प्रस्ताव नहीं'
सरकार ने भरोसा दिलाया है कि देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है और यूरिया की कीमतों में वृद्धि करने का कोई प्रस्ताव नहीं है. लोकसभा में बीवी नाईक और ए सम्पत के सवाल के जवाब में रसायन व उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने कहा, ‘मैं सदन को आश्वासन देना चाहता हूं कि यूरिया की कीमतों में वृद्धि का कोई प्रस्ताव नहीं है.’ उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार यूरिया पर जरूरी सब्सिडी प्रदान करेगी. देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है.
खेती के मौसम में किसानों को यूरिया की गंभीर कमी का सामना करने से जुड़े सदस्यों के सवालों के जवाब में मंत्री ने कहा, ‘इस मौसम में यूरिया की कोई कमी नहीं होगी.’ अनंत कुमार ने कहा कि केंद्र का काम राज्यों तक उर्वरकों को पहुंचाना है. इसके वितरण की जिम्मेदारी राज्यों की है. उन्होंने कहा कि इस मौसम के लिए राज्यों को जितना यूरिया और गैर-यूरिया उर्वरक भेजा जाना चाहिए, उतना भेजा जा चुका है.
पूरी तरह खेती पर आधारित चैनल शुरू करने का प्रस्ताव
सरकार ने संसद में बताया कि दूरदर्शन ने पूरी तरह से देश के कृषि क्षेत्र और किसानों को समर्पित एक ‘कृषि’ चैनल शुरू करने का प्रस्ताव किया है. सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने लोकसभा में हरिश्चंद्र चव्हाण और राजू शेट्टी के सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी. चैनल शुरू होने की समय-सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया, ‘इस बारे में विस्तार से अध्ययन के बाद संसाधनों और मैन-पावर की उपलब्धता के आधार पर चैनल की शुरुआत निर्भर करेगी, इसलिए कोई समय-सीमा तय नहीं की जा सकती.’
झारखंड व असम में बनेगा कृषि अनुसंधान केंद्र
सरकार चालू वित्त वर्ष में 100 करोड़ रुपये की प्रारम्भिक पूंजी से असम और झारखंड में 2 कृषि अनुसंधान की स्थापना करेगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में अपना बजट पेश करते हुए यह घोषणा की है. वित्त मंत्री ने बताया कि कृषि एक ऐसा क्षेत्र है, जो हमारी राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में करीब 1/6 हिस्सा अंशदान करता है और हमारी जनसंख्या का प्रमुख भार अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है. बढ़ती जनसंख्या के लिए अनाज उपलब्ध कराने में बड़े पैमाने पर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की चुनौती पैदा हो गई है. वित्तमंत्री ने कहा कि कृषि को प्रतिस्पर्धी व लाभप्रद बनाने के लिए सार्वजनिक व निजी दोनों ही स्तर पर कृषि देश व्यावसायिक-प्रौद्योगिकी विकास तथा वर्तमान कृषि-व्यावसायिक संरचना के आधुनिकीकरण के लिए निवेश बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (पूसा) इस क्षेत्र में अनुसंधान की अग्रणी संस्थान है.
वित्तमंत्री ने इसके अलावा ‘एग्री-टेक-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड’ की स्थापना के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया है.
वित्तमंत्री ने आंध्र प्रदेश और राजस्थान में कृषि विश्वविद्यालयों की स्थापना तथा तेलंगाना और हरियाणा में बागवानी विश्वविद्यलाय की स्थापना का प्रस्ताव रखा. इस परियोजन के लिए 200 करोड़ रुपये की प्रारम्भिक राशि आवंटित की है.
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए और क्या है...
---ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमों के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान.
---ग्रामीण क्षेत्रों में आवासों के लिहाज से राष्ट्रीय आवास बैंक कार्यक्रम के लिए 8000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
---पानी में आर्सेनिक की उपस्थिति वाले प्रभावित क्षेत्रों के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना के लिए 3600 करोड़.
---बजट में ग्रामीण ढांचागत विकास कोष को बढ़ाकर 25,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है.