
इस बार का आर्थिक सर्वेक्षण गुलाबी रंग की फाइल में बंद था, जो महिला सशक्तीकरण का प्रतीक रहा था. उसके बाद से ही उम्मीद की जा रही थी कि बजट भी महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित होगा. आर्थिक सर्वेक्षण 2018 में देश में लैंगिक असमानता के मुद्दे पर विशेष जोर दिया गया था और देश के लेबर फोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी कम होने पर चिंता जताई गई थी.
इसी को ध्यान में रखते हुए संगठित क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अहम कदम उठाया है. महिला कर्मचारियों को ईपीएफओ (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) की योजना के तहत मासिक वेतन से कम योगदान देना होगा.
बढ़ेगी टेक होम सैलरी
ईपीएफ में रोजगार के पहले तीन वर्षों में महिला कर्मचारियों को 8 फीसदी योगदान ही देना होगा, लेकिन इसके बावजूद एंप्लायर का योगदान नहीं घटेगा. जेटली ने बताया कि इस कदम से संगठित क्षेत्र में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने बजट भाषण में कहा कि इससे महिला कर्मचारियों की टेक होम सैलरी भी बढ़ जाएगी.
वर्तमान में ईपीएफओ की तमाम स्कीम के तहत मासिक वेतन में से एंप्लायर को कर्मचारी की तरफ से 12 प्रतिशत और 9.49 प्रतिशत खुद योगदान देना होता है. ईपीएफओ संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों को इंश्योरेंस, पेंशन और पीएफ जैसी सुविधाएं मुहैया कराता है. इसके दायरे में कम से कम 20 कर्मचारियों वाले संगठन आते हैं.
इस नए कदम के बाद महिला कर्मचारियों को शुरुआत के 3 वर्षों में केवल 8 प्रतिशत योगदान देना होगा. यानी एंप्लायर अब महिला कर्मचारियों की तरफ से 8 प्रतिशत और अपनी तरफ से 9.49 प्रतिशत योगदान देंगे. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसे लागू करने के लिए ईपीएफ और विविध प्रावधान, 1952 ऐक्ट को संशोधित किया जाएगा.
बांटे जाएंगे 8 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन
इसके अलावा बजट में गरीबी रेखा से नीचे आने वाली महिलाओं को 8 करोड़ मुफ्त एलपीजी कनेक्शन बांटे जाने की भी घोषणा की गई है. वित्त मंत्री ने बताया कि उज्ज्वला योजना के तहत सरकार ने 5 करोड़ गरीब महिलों तक मुफ्त गैस कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य रखा था. इस योजना की लोकप्रियता को देखते हुए इस बार लक्ष्य को बढ़ाकर 8 करोड़ गरीब महिलाओं को मुफ्त कनेक्शन पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.
जेटली ने कहा कि महिला स्वयंसेवी संगठनों को ऑर्गैनिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. महिला स्वयंसेवी संगठनों के लिए मार्च 2019 तक लोन की राशि बढ़ाकर 75000 करोड़ की जाएगी.
जेटली ने मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि उद्योग शुरू करने के लिए मुद्रा लोन का लाभ उठाने वाली महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा है.
हालांकि इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसमें महिला वर्ग को कोई विशेष छूट नहीं दी गई है. बजट में महिला वर्ग के लिए किसी खास योजना की भी घोषणा नहीं की गई.