Advertisement

क्या 'अन्नदाता' की मांग सुनेंगे वित्त मंत्री? पढ़ें बजट से क्या चाहता है किसान

मोदी सरकार 2014 में किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के वादे के साथ आई थी. ऐसे में किसानों को मोदी सरकार से इस बजट में क्या उम्मीद है. यहां पढ़ें...

वित्तमंत्री से किसानों की क्या है मांग? वित्तमंत्री से किसानों की क्या है मांग?
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

वित्त मंत्री अरुण जेटली आज सुबह 11 बजे लोकसभा में बजट पेश करेंगे. ये बजट 2019 चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि वित्त मंत्री इस बार बजट में किसानों के लिए बड़े ऐलान कर सकते हैं. मोदी सरकार 2014 में किसानों की आय को 2022 तक दोगुना करने के वादे के साथ आई थी. ऐसे में किसानों को मोदी सरकार से इस बजट में क्या उम्मीद है. यहां पढ़ें...

Advertisement

खेती में बढ़ती लागत और घटती कमाई किसानों के लिए सिरदर्द बन गई है. पैदावार बेचने के बाद मुनाफा ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है. कर्ज लेकर खेती करने वाला किसान आफत के चंगुल में फंसता जा रहा है. उनका अर्थतंत्र बिगड़ा है तो बिगड़ती माली हालत ने बड़ी संख्या में किसानों को खुदकुशी के लिए मजबूर किया है. इस बात की गवाही आंकड़े भी देते हैं.

NCRB के रिकॉर्ड के मुताबिक 2013 में 11772 किसानों ने जान दी थी. लेकिन 2014 में ये आंकड़ा 12360 पहुंच गया, वही 2015 में 12,602 जबकि 2016 में 11,400 किसानों ने अपनी जान दे दी.

किसानों के सामने बड़ा संकट कर्ज का है. देश में 9 करोड़ से ज्यादा किसान परिवार हैं जिसमें से 52 फीसदी से ज्यादा पर भारी कर्ज है. ऐसे में वित्त मंत्री से किसानों की कई उम्मीदें हैं.

Advertisement

ये हैं अन्नदाता की मांग

- कृषि लोन का दायरा बढ़ाया जाए.

- पिछले समय में लिए गए कर्जों से राहत मिले.

- खाद-बीज के दाम सस्ते किए जाएं.

- उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित हो.

- स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू हो.

2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले मोदी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है. एक तरफ देश के परेशान किसान तो दूसरी ओर चुनावों पर नजर, मोदी के लिए ये मौका आखिरी बजट का है. वैसे पीएम मोदी पहले ही बोल चुके हैं कि इस बार का बजट लोकलुभावन नहीं होगा. तो क्या सरकार आगामी चुनावों को अनदेखा करेगी. बीते गुजरात चुनाव में बीजेपी किसानों की अनदेखी का खामियाजा भुगत चुकी है.

ऐसे में उम्मीद है कि इस बार के बजट में जोर किसानों की आय बढ़ाने पर होगा. जेटली मार्केट सपोर्ट स्कीम की घोषणा कर सकते हैं, जिसके तहत फसलों के दाम गिरने पर केंद्र सरकार मदद करेगी. खेती के लिए मिलने वाला कर्ज और सस्ता किया जा सकता है. वही ऑनलाइन मंडियों की संख्या बढ़ाने का भी ऐलान हो सकता है. महिला किसानों के लिए भी अलग फंड दिया जा सकता है. वही फसल बीमा योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जा सकता है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement