
केंद्र में मोदी सरकार के चौथे साल वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में अपना 5वां बजट पेश किया. इस बजट को जहां मोदी सरकार ने गरीब, किसान, दलित, आदिवासी और विकास के पथ पर आगे बढ़ने वाला बताया. हालांकि, जेटली के बजट भाषण में मोदीकेयर जैसी नई हेल्थ योजना का भी जिक्र किया गया. लेकिन मौजूदा बजट संबोधन से कुछ ऐसे शब्द गायब नजर आए, जो हर बजट में प्रमुखता से सुनने को मिलते थे.
कालाधन
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले ही नरेंद्र मोदी ने विदेशों में जमा कालाधन को बड़ा मुद्दा बनाया. चुनाव प्रचार के दौरान मोदी कालाधन वापस लाने के वादे करते रहे. केंद्र में उनकी सरकार बनने के बाद पहला बजट संसद में रखा गया, तो कालाधन चर्चा के केंद्र में रहा. हालांकि, गुरुवार को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कालेधन के खिलाफ लड़ाई का देश को फायदा पहुंचने का जिक्र जरूर किया, लेकिन इस पर ज्यादा फोकस नहीं दिखा.
नई ट्रेन
देश के हर बजट में नई ट्रेनों को लेकर घोषणाएं की जाती रही हैं. मानव रहित क्रॉसिंग, नई लाइन, स्टेशनों पर सुविधाओं, ट्रेन के अंदर सुविधाओं की हर बजट में घोषणा की जाती है. लेकिन इस बार के बजट में नई ट्रेन को लेकर वित्त मंत्री ने कोई खास घोषणा नहीं की. हमेशा की तरह इस बार के बजट में विशेष रूटों पर नई ट्रेन चलाने का कोई ऐलान वित्त मंत्री ने नहीं किया है.
हालांकि, वित्त मंत्री ने नई रेल लाइन, 4000 से ज्यादा मानव क्रॉसिंग बंद करने, सिर्फ बड़ी लाइनों पर ट्रेन चलने और इस साल 700 नए रेल इंजन तैयार किए जाने जैसी घोषणाएं जरूर कीं.
निवेश
हर बजट में सेक्शन 80-C का जिक्र रहता है. मोदी सरकार से पहले भी सभी सरकारों के बजट में इस सेक्शन के तहत नई घोषणाएं की जाती रही हैं. लेकिन मौजूदा बजट में इस पर फोकस नहीं किया गया है. इसी कड़ी में सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा भी की है.
निवेश और बचत की कुछ स्कीम्स को इसके तहत शामिल किया गया है. इन स्कीम्स में निवेश पर आपको टैक्स में छूट मिलती है. इसका मतलब है कि आप अगर इस सेक्शन के तहत टैक्स छूट के लिए योग्य स्कीम्स में निवेश करते हैं, तो आपको एक तय सीमा तक कोई कर नहीं भरना पड़ेगा. मौजूदा समय में आप इस सेक्शन के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कुल छूट हासिल कर सकते हैं.
टैक्स चोरी
टैक्स चोरी को लेकर मोदी सरकार के इससे पहले के बजट काफी चर्चा रही है. लेकिन मौजूदा बजट में इसका जिक्र कम ही नजर आया. हालांकि, अरुण जेटली ने टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी का जरूर बखान किया.
सस्ता महंगा
क्या चीजें महंगी होंगी और क्या सस्ती, इसे लेकर बजट में हमेशा फोकस रहा है. लेकिन मौजूदा बजट में कस्टम ड्यूटी बढ़ने से महंगे होने वाले दो-चार सामान ही चर्चा में आए. जबकि बजट के दौरान रोजमर्रा जिंदगी से जुड़ी चीजों की बड़ी लिस्ट के महंगे और सस्ते होने की घोषणा होती रही है. इस बार एक्साइज ड्यूटी और सामानों पर लगने वाला टैक्स जीएसटी के दायरे में चला गया है. यही वजह है कि आपको इस बार बजट में सस्ता-महंगा देखने को नहीं मिला है.