
केंद्र सरकार ने बजट की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसके तहत प्री-बजट मीटिंगों का दौर शुरू हो चुका है. बुधवार को वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ हुई प्री-बजट मीटिंग में फेडरेशन ऑफ इंडियन चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने कॉरपोरेट टैक्स घटाने की सिफारिश की है. फिक्की ने आम आदमी के साथ ही कारोबारियों को मिलने वाली टैक्स छूट को बढ़ाने का भी सुझाव दिया है.
फिक्की ने कॉरपोरेशन टैक्स को 18-25 फीसदी के बीच रखने की बात कही है. FICCI ने प्री-बजट मीटिंग में मुनाफाखोरी विरोधी प्रावधानों को और भी स्पष्ट करने पर जोर दिया. इसके साथ ही इसे आसान बनाने की सिफारिश भी की.
बैठक में फिक्की के अध्यक्ष पंकज पटेल ने कई सुझाव दिए. इसमें उन्होंने आम लोगों और कारोबारियों को टैक्स में छूट देने का सुझाव भी दिया. उन्होंने कहा कि टैक्स छूट मिलने से घरेलू निवेश और मांग बढ़ेगी. इसके साथ ही वैश्विक स्तर पर भी भारत प्रतिस्पर्धी माहौल बनाए रखने में कामयाब रहेगा.
पटेल ने ये भी याद दिलाया कि पिछले बजट में कारपोरेट टैक्स की दर घटाकर 25 फीसदी लाने की बात कही गई थी, लेकिन ऐसा अभी तक हुआ नहीं है. इसलिए अब सरकार को चाहिए कि इसे घटा दिया जाए.
पटेल ने जीएसटी में भी सुधार को लेकर सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि जीएसटी टैक्स स्लैब को कम करने की जरूरत है. इन्हें 3 से 4 के बीच ही रखना बेहतर होगा. उन्होंने इसके साथ ही कहा कि जीएसटी के अनुपालन को सरल बनाने के साथ ही अन्य उत्पादों को भी इसके दायरे में लाया जाए. उन्होंने कहा कि करदाताओं की उलझनों को दूर करने के लिए मुनाफाखोरी रोधी प्रावधानों को स्पष्ट करना जरूरी है.
उन्होंने सरकारी बैंकों के मर्जर और इनका निजीकरण करने का भी सुझाव दिया. उन्होंने बैंकों को दिए जा रहे रिकैपिटलाइजेशन फंड का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि सरकार को कुछ सरकारी बैंकों का निजीकरण करने पर भी विचार करना चाहिए. इसके साथ ही बैंकों के मर्जर पर भी विचार जरूरी है.
विकास जोशी