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Budget 2020: खतरनाक आर्थिक स्थिति के बीच बजट व्यय में कटौती कर सकती है सरकार

Budget 2020 इस बार के बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में सरकार 3.48 लाख करोड़ रुपये की कमी का सामना कर सकती है. प्रोविजनल डाटा और अनुमान कहते हैं कि आर्थिक विकास के लड़खड़ाने और निराशाजनक कर संग्रह के चलते सरकार पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व दबाव पड़ सकता है.

Budget 2020 गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) Budget 2020 गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
दीपू राय
  • नई दिल्ली,
  • 21 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

  • 1 फरवरी 2020 को पेश होगा बजट
  • बजट व्यय में कटौती कर सकती है सरकार

सभी सरकारी विभाग आर्थिक मंदी का असर महसूस कर रहे हैं, क्योंकि सरकार ने अपने बजटीय अनुमानों के वार्षिक बजट व्यय में 2.2 लाख करोड़ रुपये की कटौती करने जा रही है.

सरकार 2020 के बजट में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में 3.48 लाख करोड़ रुपये की कमी का सामना करने की संभावना है. वहीं प्रोविजनल डाटा और अनुमान कहते हैं कि आर्थिक विकास के लड़खड़ाने और निराशाजनक कर संग्रह के चलते सरकार पर 1.45 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व दबाव पड़ सकता है.

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हाल ही में सरकारी विभागों को वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में वार्षिक राजस्व व्यय का एक-चौथाई हिस्से में कटौती करने के लिए कहा गया है. कमाई करने वाले लगभग हर पक्ष के संकेतक बजट अनुमान से ज्यादा  की गिरावट दिखा रहे हैं. इस वित्तीय वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था के 5 प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है, जो 11 पिछले वर्षों में सबसे धीमी विकास दर है. अर्थव्यवस्था में गहराती मंदी इसके हर पहलू पर असर डाल रही है, जिसमें सरकारी का राजस्व भी शामिल है.

बजट 2020-21

यह भी पढ़ें: बजट 2020: आयकर की दरों में हो सकता है बड़ा बदलाव, चार नए स्लैब की संभावना

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के प्रमुख आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष ने अपने हालिया रिसर्च नोट में लिखा है, 'सरकार ने अनुमान लगाया है कि कॉरपोरेट टैक्स की दर में कमी और अन्य राहतों के लिए कुल राजस्व 1.45 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. अर्थव्यवस्था में मंदी से कॉरपोरेट टैक्स संग्रह में और कमी आएगी, जिससे कॉरपोरेशन टैक्स में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की कमी हो सकती है. व्यक्तिगत आयकर में भी 0.88 लाख करोड़ रुपये की कमी होगी.'

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घोष का कहना है, 'जीएसटी संग्रह में भी सुस्ती दिखाई दे रही है और उम्मीद की जा रही है कि लगभग 85,000 करोड़ रुपये का कुल राजस्व घाटा केंद्र सरकार को होगा.'

खराब राजस्व संग्रह अतिरिक्त ऋण के लिए मजबूर कर सकता है. सितंबर में सरकार ने घोषणा की कि वित्त वर्ष 2020 की पहली छमाही में बांड बाजार से यह अतिरिक्त ऋण 2.68 लाख करोड़ रुपये हो सकता है. वित्त वर्ष 2020 के बजट अनुमान के मुताबिक, पूरे साल का कुल ऋण का लक्ष्य 7.1 लाख करोड़ रुपये है.

बजट 2020-21

राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर भारी दबाव

वित्त वर्ष 2019 में टैक्स टारगेट में 11 प्रतिशत की गिरावट के बाद सरकार ने खर्च में कटौती का रास्ता अख्तियार किया है. लेकिन राजकोषीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए खर्च के महत्वपूर्ण हिस्से को बजट के जरिये वित्तपोषित किया गया है. बजट के अलावा अतिरिक्त खर्च यह दर्शाता है कि सार्वजनिक खर्च अपने वित्तपोषण में सक्षम नहीं हैं. धीमा आर्थिक विकास और कम राजस्व ने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य पर भारी दबाव पैदा कर दिया है, जिसके कारण बजट 2020 में बड़े पैमाने पर बजट के अलावा अतिरिक्त खर्च की जरूरत बढ़ गई है.

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