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ज्वैलर्स को सरकार ने दिया झटका, जेटली बोले- सोने पर एक्साइज ड्यूटी का फैसला नहीं होगा वापस

कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने 'आज तक' की खबर को आधार बनाकर मिशेल की चिट्ठी का मुद्दा उठाया. उन्होंने सदन में कहा कि बिचौलिये ने इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल को लिखे खत में बताया है कि सरकार गांधी परिवार को फंसाने के लिए दबाव डाल रही है.

राज्यसभा में बोलते प्रमोद तिवारी राज्यसभा में बोलते प्रमोद तिवारी
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 05 मई 2016,
  • अपडेटेड 4:30 PM IST

केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी का विरोध कर रहे ज्वैलर्स को तगड़ा झटका दिया है. सरकार ने सोने पर एक फीसदी के एक्साइज ड्यूटी को वापस लेने से साफ इनकार कर दिया है. इसका ऐलान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में किया. गौरतलब है कि इससे पहले हड़ताली ज्वैलर्स ने वित्त मंत्री से भी मुलाकात की थी. जेटली ने उनके मामले पर विचार करने का आश्वासन दिया था. अब संसद में जेटली ने स्पष्ट कर दिया है कि सरकार अपने फैसले को वापस नहीं लेगी.

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इससे पहले, अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील में 'आज तक' के खुलासे के बाद गुरुवार को राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बिचौलिये क्रिश्चयन मिशेल की चिट्ठी का मुद्दा उठाया गया, वहीं लोकसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पनामा पेपरलीक्स को लेकर बयान दिया. जेटली ने कहा कि मामले में जिसका भी नाम उजागर हुआ, सरकार ने उन सभी लोगों को नोटिस भेजा है.

इससे पहले राज्यसभा में अगस्ता वेस्टलैंड और राम मंदिर के मुद्दे पर हंगामा हुआ. 'आज तक' की खबर का हवाला देते हुए कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सौदेबाजी का आरोप लगाया है, जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया.

कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने 'आज तक' की खबर को आधार बनाकर मिशेल की चिट्ठी का मुद्दा उठाया. उन्होंने सदन में कहा कि बिचौलिये ने इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल को लिखे खत में बताया है कि सरकार गांधी परिवार को मामले में फंसाने के लिए उस पर दबाव डाल रही है. 'आज तक' के पास क्रिश्चयन मिशेल की लिखी उस चिट्ठी की कॉपी है, जो इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल को लिखी गई. इसमें दावा किया गया है कि भारतीय एंजेंसियों ने उस पर चॉपर डील केस में गांधी परिवार का नाम लेने के लिए दबाव बनाया था.

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स्वामी ने उठाया राम मंदिर का मुद्दा
अगस्ता मामले में हंगामे के बीच बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने राज्यसभा में राम मंदिर का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर जल्द से जल्द फैसला होना चाहिए. स्वामी ने इसे आस्था से जुड़ा मामला बताया, जिसके बाद सदन में एक बार फिर हंगामा हो गया. स्वामी ने कहा, 'अगर कोर्ट राम मंदिर पर फैसला सुनाती है. अगर यह दोनों समुदाय को स्वीकार है तो सरकार को राम मंदिर के मामले में बयान देना चाहिए.'

2015 में रजिस्ट्रार को लिखा खत
मिशेल ने अपने खत में खुलासा किया है कि मोदी सरकार जांच एजेंसियों के जरिए उन पर दबाव बनाकर गांधी परिवार के खिलाफ बयान लेना चाहती है. इसको लेकर बकायदा मिशेल ने सरकार पर सौदेबाजी करने का भी गंभीर आरोप लगाया है. इस मामले का जिक्र मिशेल ने 23 दिसंबर 2015 को इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल के रजिस्ट्रार को लिखे खत में किया है.

दबाव बनाने के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी
मिशेल के मुताबिक जब उन्होंने दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया तो बिना किसी समन के उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया. इसके बाद भारतीय अधिकारियों ने इंटरपोल की मदद से उनसे संपर्क किया. मिशेल का साफ आरोप है कि मोदी सरकार ने अपना राजनीतिक एजेंडा साधने के लिए उनपर गांधी परिवार का नाम लेने के लिए दबाव डाला.

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मिशेल ने कहा- गांधी परिवार से कभी नहीं मिले
इससे पहले अगस्ता वेस्टलैंड केस में बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल ने गांधी परिवार के किसी सदस्य से मुलाकात करने के आरोप से इनकार किया था. 'आज तक' से खास बातचीत में मिशेल ने कहा था कि वो कभी भी गांधी परिवार के किसी सदस्य से नहीं मिले. मिशेल ने सरकारी गवाह बनने की संभावना से भी इनकार कर दिया था. उन्होंने पत्रकारों को पैसे देने की खबर का भी खंडन किया और कहा कि उनका काम मीडिया को मॉनिटर और फॉलो करना था.

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