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संसद का बजट सत्र खत्म, सरकार के लिए ऐसे ऐतिहासिक रहा यह सेशन

पूरे बजट सत्र के दौरान सरकार लोकसभा में 24 बिल और राज्यसभा में 14 बिल पास करा पाई. 18 बिल ऐसे थे जिसे सरकार ने दोनों सदनों में पास कराने में सफलता पाई.

वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली
बालकृष्ण/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 5:25 PM IST

संसद का बजट सत्र बुधवार को समाप्त हो गया. आमतौर पर काम की बजाए कामकाज ठप करने के लिए चर्चा में रहने वाले संसद के दोनों में सदनों में इस बार शानदार कामकाज हुआ. इसे चाहे सरकार की रणनीतिक सफलता कहिए, विपक्ष की उदारता या फिर विधानसभा चुनाव का असर कहिए. कामकाज के लिहाज से दो हिस्सों में 29 दिनों तक चलने वाला 31 जनवरी से शुरू हुआ बजट सत्र यादगार और ऐतिहासिक रहा.

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1 अप्रैल से ही बजट के प्रावधान होने लगे लागू
ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ जब बजट पास करने से संबंधित सभी कार्यवाही लोकसभा व राज्यसभा दोनों में 31 मार्च से पहले ही पूरी कर ली गईं. इसकी बदौलत बजट के प्रावधानों को लागू करने का काम अब नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से ही शुरू हो चुका है. पहले यह काम जून-जुलाई तक ही शुरू हो पाता था. यह भी पहली बार हुआ जब सरकार ने रेल बजट और आम बजट को मिलाकर एक साथ पेश किया.

बिना संशोधन पास हुआ जीएसटी बिल
पूरे बजट सत्र के दौरान सरकार लोकसभा में 24 बिल और राज्यसभा में 14 बिल पास करा पाई. 18 बिल ऐसे थे जिसे सरकार ने दोनों सदनों में पास कराने में सफलता पाई. सरकार के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि यह रही कि 10 साल से ज्यादा से लटका हुआ जीएसटी बिल आखिरकार लोकसभा व राज्यसभा दोनों से पास हो गया. राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं होने के बावजूद विपक्ष का सहयोग मिला और बिना किसी संशोधन के यह बिल राज्य सभा से भी पास हो गया.

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जीएसटी से आएगा क्रांतिकारी बदलाव
आर्थिक सुधारों की दिशा में जीएसटी बिल को मील का पत्थर कहा जा रहा है, जिससे टैक्स को लेकर पूरे देश में क्रांतिकारी बदलाव होगा. जीएसटी को पूरे देश में लागू करने के लिए जरूरी तीन और बिल भी साथ में ही पास हो गए, जिसके बाद इसे लागू करने का रास्ता साफ हो गया है.

देशहित के मामलों में विपक्ष ने दिया साथ
संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार से जब पूछा गया कि क्या विधानसभा चुनाव के नतीजों की वजह से विपक्ष का मनोबल गिरा होने से सरकार का काम आसान हो गया तो उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि वह सहयोग के लिए विपक्ष का धन्यवाद देते हैं. विपक्ष का मनोबल गिरा होने के बाद पूछे जाने पर कांग्रेस के प्रवक्ता पीएल पुनिया ने कहा यह बात सही नहीं है. उनका कहना था कि जब-जब जरूरी हुआ विपक्ष ने सरकार पर दबाव बनवाया, सदन को स्थगित कराया और अपनी बात मनवाने पर सरकार को मजबूर किया. लेकिन देशहित के मामलों पर विपक्ष ने अड़ंगा नहीं लगाया.

अनंत कुमार ने बताया कि बजट सत्र में लोकसभा में 114 प्रतिशत और राज्यसभा में 92 फीसदी काम हुआ. जीएसटी और समय से बजट पास कराने के अलावा राज्यसभा में एनिमी प्रॉपर्टी बिल पास कराना भी सरकार की बड़ी उपलब्धि रही. यह बिल भी कई वर्षों से लटका हुआ था.

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राज्यसभा से नहीं पास हो सके ये बिल
लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं होने का एहसास सरकार को इस बार भी विपक्ष ने करा ही दिया. पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने वाला बिल लोकसभा में पास हो गया लेकिन राज्यसभा ने इसे सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया. इसी तरह से मोटर व्हीकल बिल और फैक्ट्री अमेंडमेंट बिल भी सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद राज्यसभा से पास नहीं हो सका.

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