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राष्ट्रपति का अभिभाषण, कहा- साथ चुनावों पर चर्चा को राजी है सरकार

बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने जहां सरकार की आर्थिक और सामाजिक उपलब्धियां गिनाईं वहीं, अहम मसलों पर सरकार का रुख और संकल्प भी साफ किया.

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी
रीमा पाराशर
  • नई दिल्ली,
  • 31 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित किया. अपने अभिभाषण में राष्ट्रपति ने जहां सरकार की आर्थिक और सामाजिक उपलब्धियां गिनाईं वहीं, अहम मसलों पर सरकार का रुख और संकल्प भी साफ किया.

सर्जिकल स्ट्राइक
क्षेत्रीय संप्रभुता के बार-बार उल्लंघन करने का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए मेरी सरकार ने निर्णयात्मक कदम उठाए हैं. आतंकवादियों द्वारा घुसपैठ रोकने के लिए 29 सितंबर, 2016 को हमारे रक्षा बलों ने नियंत्रण रेखा पर अनेक लांच पैड पर सफलतापूर्वक सर्जिकल स्ट्राइक किया. हमारे रक्षा कर्मियों के इस अदम्य साहस और पराक्रम पर हमें गर्व है और हम उनके प्रति कृतज्ञ और ऋणी हैं.

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चुनाव
बार-बार चुनाव होने से विकास कार्य रुक जाते हैं, सामान्य जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और इससे सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा लंबी चुनाव ड्यूटी से मानव संसाधन पर बोझ पड़ता है. मेरी सरकार लोक सभा तथा राज्य की विधान सभाओं के एक साथ चुनाव करवाए जाने के विषय पर रचनात्मक दृष्टि से विचार-विमर्श किए जाने का स्वागत करती है. चुनावों के लिए पैसा उपलब्ध कराए जाने के विषय पर भी चर्चा किया जाना जरूरी है ताकि धन के दुरुपयोग को रोका जा सके. मेरी सरकार इस संबंध में चुनाव आयोग द्वारा राजनीतिक पार्टियों से बातचीत करके लिए गए किसी भी निर्णय का खुले दिल से स्वागत करेगी.

आतंकवाद
भारत, पिछले चार दशकों से आतंकवाद की अति गंभीर समस्या का सामना कर रहा है. आतंकवाद से, विश्व समुदाय को गंभीर खतरा है. भारत, इन शक्तियों के उन्मूलन के लिए, अन्य देशों के साथ मिलकर सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है. मेरी सरकार, आतंकवाद का उन्मूलन करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कृत संकल्प है कि इन अपराधियों को कानून के दायरे में लाया जाए. पिछले तीन वर्षों में वामपंथी उग्रवाद को नियंत्रित करने में काफी हद तक सफलता मिली है, 2600 से अधिक उग्रवादियों ने आत्म समर्पण किया है. उत्तर-पूर्वी राज्यों की सुरक्षा स्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार दिखाई पड़ा है.

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जम्मू कश्मीर
जम्मू-कश्मीर राज्य सीमापार से प्रायोजित और समर्थित आतंकवाद से प्रभावित रहा है. घुसपैठ की कोशिशें, आतंकवादियों की हिंसापूर्ण घटनाएं और हमारे नागरिकों तथा वीर सुरक्षा कर्मियों के अमूल्य जीवन की क्षति हमारे लिए गंभीर चिंता के विषय हैं.

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