
पिछले 19 दिनों से राज्यसभा को चलाने के लिए सत्तापक्ष पूरी कोशिश कर रहा है, पर विपक्ष के हंगामे के चलते सदन आज भी नहीं चल सका. सदन को चलाने के लिए उपसभापति ने कई बार कोशिश की, इसके चलते 10 बार राज्यसभा को स्थगित भी करना पड़ा.
बुधवार को सत्तापक्ष सदन में एक महत्त्वपूर्ण 'भ्रष्ट्राचार निवारण संसोधन बिल 2013' को पास कराना चाहती थी. इस बिल को पास कराने के लिए कार्मिक मंत्रालय के मंत्री डॉक्टर जितेन्द्र सिंह भी मौजूद थे. उन्होंने कई बार बिल से जुड़ी जानकारी पढ़ने की कोशिश की लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से वो उच्च सदन में पढ़ नहीं सके.
इस बीच जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार इस महत्त्वपूर्ण बिल को पास कराना चाहती है. पर विपक्ष इसको पास होने नहीं देना चाहती है. पूरा देश विपक्ष के इस रवैये को देख रहा है. इसके बावजूद भी उनको बोलने नहीं दिया गया. भ्रष्टाचार निवारण विधेयक को पारित कराने के मसले पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कई बार बहस हुई. फिर भी सदन नहीं चल सका. विपक्ष का कहना था कि नये सदस्यों का डिवीजन अभी नहीं हुआ है. इसलिए कैसे ये बिल पास हो सकता है. हंगामे के बाद सदन को कल तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने राज्यसभा न चलने को लेकर विपक्षी पार्टियों पर कई सवाल उठाए. आजतक से बातचीत में विजय गोयल ने कहा कि एक बात तय है कि सरकार लगातार चाहती है कि विपक्ष सदन को चलने दे पर विपक्ष ये सब होने देना नहीं चाहती है.
हमने और सभापति ने पूरी कोशिश की पर विपक्ष के नेता प्ले कार्ड लेकर वेल में आ जाते हैं. पर जनता सब देख रही है. विजय गोयल ने कहा कि जनता तो यह कहती है कि आप सदन के बाहर तो TV डिस्कशन में चर्चा करते हैं लेकिन सदन के अंदर चर्चा नहीं करते. आज सरकार प्रिवेंशन ऑफ करप्शन बिल पास कराना चाहती थी. ये बिल भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए बड़ी पहल थी. पर विपक्ष ये होने नहीं देना चाहती है.
बता दें कि पिछले 19 दिनों से सदन को चलाने की कोशिश की जा रही है. राज्यसभा मे इस सत्र में केवल एक बिल 'पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी अमेंडमेंट बिल 2018' ही पास हो पाया है. जबकि देश के हित से जुड़े दर्जनों बिल राज्यसभा में पेंडिंग हैं. संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कुछ दिन पहले ये जानकारी दी थी कि राज्यसभा को चलाने के लिए प्रत्येक मिनट में 2.5 लाख रुपये खर्च होते हैं. ये देश की जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा पानी की तरह बह रहा है. उसके बावजूद देश के नेता हंगामा करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
राज्यसभा के स्थगित होने के पीछे का कारण
विपक्षी दलों की अपनी-अपनी मांग है. कांग्रेस नीरव मोदी पर चर्चा चाहती है. TDP आंध्र प्रदेश के स्पेशल स्टेटस की मांग को लेकर हंगामा कर रही है. तो AIADMK कावेरी मसले पर हंगामा कर रही है. हालांकि, सरकार का कहना है कि वो हर एक मुद्दे पर चर्चा चाहती है, इसके बाबजूद भी संसद नहीं चल पा रही है.