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...जब संसद में मनमोहन-सोनिया के बीच में बैठे आडवाणी

अभिभाषण सुनने के लिए सभी नेता हॉल में थे. सबसे आगे की पंक्ति में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच में बीजेपी दिग्गज और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी बैठे थे.

फाइल फोटो फाइल फोटो
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 29 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार सुबह 11 बजे संयुक्त सत्र को संबोधित किया. कोविंद ने अपने अभिभाषण में केंद्र सरकार की उपलब्धियों का बखान किया, आने वाले एजेंडे को भी बताया. इस दौरान संसद में दोनों सदन के सांसद मौजूद रहे. अभिभाषण के दौरान एक ऐसी तस्वीर भी सामने आई जो काफी दिलचस्प थी.

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अभिभाषण सुनने के लिए सभी नेता हॉल में थे. सबसे आगे की पंक्ति में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच में बीजेपी दिग्गज और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी बैठे थे. उनके साथ वाली ही बाहिनी सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली और राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद बैठे थे. सोनिया-आडवाणी-मनमोहन के दाहिने तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बैठे थे.

पक्ष और विपक्ष की राजनीति के बीच सदन में एक साथ नेताओं का बैठना कोई नई बात नहीं है. इससे पहले भी कई दफा ऐसी तस्वीरें सामने आई हुई हैं.

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अपनी-अपनी पार्टी के मार्गदर्शक

गौरतलब है कि लालकृष्ण आडवाणी को 2014 चुनाव के बाद से ही बीजेपी ने मार्गदर्शक मंडल में शामिल कर दिया था. वहीं कांग्रेस में भी राहुल गांधी के कमान संभालने के बाद सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद छोड़ दिया था. वहीं मनमोहन सिंह भी राज्यसभा के अलावा कुछ बड़े मौकों पर ही सामने आते हैं.

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अभिभाषण पर कांग्रेस ने कसा तंज

अभिभाषण के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं है, सभी पुरानी योजनाओं का ही जिक्र किया गया है. खड़गे ने कहा कि पुरानी शराब को नया लेबल लगाकर पेश किया गया है.

खड़गे ने कहा कि इस बजट सत्र में बहस के लिए कोई समय ही नहीं मिलेगा. सरकार की ओर से बिलों को आखिरी समय पर पेश किया जा रहा है. इससे संसद में लोकतंत्र में कमी आई है. सरकार बातों को संजीदगी से नहीं ले रही है.

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