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इन 5 स्किल्स में बनाएं अपना करियर, पा सकते हैं बेरोजगारी के संकट से छुटकारा!

कौशल शिक्षा के माध्यम से, छात्रों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल सीखने का मौका मिल सकता है. पढ़ाई के साथ-साथ कौशल के क्षेत्र में खुद को निखारने और कोर्स के तुरंत बाद नौकरी के अवसर उपलब्ध होते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 04 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:52 AM IST

पोस्ट ग्रेजुएशन के बाद छात्रों के हाथ में सिर्फ डिग्री होती है और फिर नौकरी के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ती है. यह इसलिए होता है क्योंकि डिग्री उन्हें विषय की सैद्धांतिक जानकारी देती है और किसी खास कौशल में उनका प्रशिक्षण या तो नहीं होता या न के बराबर होता है. ऐसे में वे उद्योगों में काम करने के लिए तैयार नहीं माने जाते. यही कारण है कि भारतीय युवाओं का एक बड़ा हिस्सा ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन करने के बाद भी बेरोजगार रह जाते हैं क्योंकि वो 'नौकरी के लिए तैयार' नहीं होते.

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ऐसे में भारत में कई यूनिवर्सिटी और शिक्षण संस्थान हैं जहां से पढ़ाई के साथ-साथ कौशल के क्षेत्र में खुद को निखारने और कोर्स के तुरंत बाद नौकरी के अवसर उपलब्ध होते हैं. देश में ऐसे कई संस्थान हैं जो कौशल प्रमाणपत्र से लेकर स्नातक, परास्नातक और पीएचडी तक के कार्यक्रम प्रदान करते हैं.

बीएसडीयू के कुलपति अचिंतय चैधरी कहते हैं, कौशल शिक्षा के माध्यम से, छात्रों को शैक्षणिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक कौशल सीखने का मौका मिल सकता है. छात्रों को प्रशिक्षुता कार्यक्रमों में भाग लेने का मौका मिलता है जहां वे औद्योगिक अनुभव प्राप्त कर सकते हैं.

12वीं पास करने वाले छात्रों के लिए 5 टॉप बैचलर ऑफ वोकेशनल (बी. वोक.) पाठ्यक्रम भी हैं, जो उनके करियर को नई दिशा दे सकते हैं...

1. इलेक्ट्रिकल स्किल्स

सीखा जाने वाला कौशल: बी. वोक. कार्यक्रम का उद्देश्य आम तौर पर छात्रों को साउंड टैक्नीकल नॉलेज और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के व्यावहारिक कौशल से लैस करना है. व्यावसायिक मॉड्यूल में इंजीनियरिंग विज्ञान, विद्युत सिद्धांत, विद्युत स्थापना, इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत, मोटर और ट्रांसफार्मर, सिंगल फेस और 3 फेस सर्किट, विद्युत नियंत्रण सर्किट, प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर प्रोगामिंग आदि शामिल है.

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इस कौशल को सीखने के दौरान छात्र विभिन्न उद्योगों के सामान्य से लेकर वैश्विक मानकों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं. छात्रों को उच्च स्तर पर इंटरैक्टिव और व्यावहारिक शिक्षण पाठ्यक्रम से गुजरने का मौका मिलता है, जिससे वे सभी तरह के इलेक्ट्रिक सर्किट और उपकरणों में समस्या निवारण को सामान्य से लेकर अत्याधुनिक कंसेप्ट और कौशल के साथ सीखते हैं.

अवसर - बी. वोक. करने के बाद छात्र ऑफिस मेंटनेंस इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रिक्ल इंस्टालेशन इलेक्ट्रिशियन, इलेक्ट्रिकल सर्विस फिटर और सुपरवाइजर जैसे जॉब्स कर सकता है या फिर एम. वोक. कार्यक्रमों में शामिल होकर उच्च कुशल नौकरियों के लिए विकल्प चुन सकते हैं.

2. पॉलीमैकेनिक स्किल्स

सीखा जाने वाला कौशल:  मशीनिंग, टर्निंग, मिलिंग, ग्राइंडिंग, हैंड स्किल्स, एसेम्बलिंग, पेनामेटिक्स, न्यूमेटिक्स, प्रोग्रामिंग और ऑपरेशन आदि. पॉलीमैकेनिक में कुशल लोग प्रोडक्शन मशीनरी और उपकरणों के लिए पाटर्स इंस्टाल कर सकते हैं. इस पेशे में लॉजिक और आटोमेशन कंट्रोल की जरूरत होती है, साथ ही, संबंधित बुनियादी विद्युत और सर्किट वाले काम में कौशल की आवश्यकता होती है.

अवसर - पॉलीमैकेनिक डिग्री में बी. वोक. डिग्रीधारी कई तरह के विनिर्माण कौशल में प्रशिक्षित होते हुए संबंधित उद्योग में आसानी से काम करने में सक्षम हैं. औद्योगिक और विनिर्माण सयंत्रों की एक बड़ी शृंखला में उन्हें काम के अनुभव और संबंधित उद्योग की जरूरतों के आधार पर टैक्नीशियन, प्रैक्टिशनर और सुपरवाइजर के रूप में नियुक्त किया जा सकता है.

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3. कारपेंटरी स्किल्स

सीखा जाने वाला कौशल:  कारपेंटरी में बी. वोक. डिग्री के तहत कैबिनेट बनाने, इंटीरियर वुडवर्क और फर्नीचर के निर्माण आदि कामों के लिए तैयार करता है. छात्र जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों से प्राप्त नवीनतम मशीनों पर काम करते हैं और नवीनतम लकड़ी के उपकरण और सामग्री का उपयोग करना सीखते हैं. वे विश्व स्तर के फर्नीचर और फिक्स्चर बनाने में सक्षम हो जाते हैं.

अवसर - जीवनशैली में परिवर्तन के साथ-साथ आधुनिक फर्निशिंग की मांग राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर बढ़ रही है. इतना ही नहीं डिग्रीधारकों के लिए सुपरवाइजर और लकड़ी उद्योग में प्रबंधक के रूप में पर्याप्त अवसर हैं. ई-कॉमर्स की दुनिया में भी इनोवेटिव फर्नीचर के लिए एक बड़ा बाजार बनाया है, ऐसे में छात्र खुद अपना स्टार्टअप भी शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा एक और विकल्प फर्निशिंग ब्रांड के साथ मैन्युफैक्चरिंग का भी हो सकता है जो लकड़ी के फर्नीचर का बड़े पैमाने पर उत्पाद करते हैं.

4. आटोमोटिव स्किल्स

सीखा जाने वाला कौशल: आटोमोटिव यानी मोटर वाहन कौशल में बी. वोक. के अंतर्गत छात्रों को ऑटोमोबाइल के सभी प्रमुख तत्व सिखाए जाते हैं जैसे मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक, सॉफ्टवेयर और सेफ्टी इंजीनियरिंग ताकि इनका इस्तेमाल मोटरसाइकिलों का निर्माण व परिचालन, मोटर वाहन और ट्रक और उनकी सबंधित उपप्रणालियों के निर्माण व डिजाइन में किया जा सके. पाठ्यक्रम के उन्नत संस्करण में इंजन के बारे में सिखाने से लेकर वाहनों को संशोधित करना बताया जाता है.

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अवसर - किसी ऑटोमोटिव वर्कशॉप में काम करें या अपना खुद का ऑटो वर्कशॉप खोलना मोटर वाहन में बी.वोक. डिग्री लेने वालों के लिए दो सबसे आकर्षक विकल्प हैं. विभिन्न ऑटोमोटिव कंपनियों के विनिर्माण संयंत्रों में मशीन ऑपरेटर, पर्यवेक्षकों और प्रबंधकों के रूप में कई अवसर भी हैं. बी. वोक. डिग्रीधारकों को ऑटो विनिर्माण क्षेत्र, ऑटो सहायक क्षेत्र, अंतरराष्ट्रीय मानकों के डिजाइन और इंजीनियरिंग से जुड़े उत्पाद और ऑटो निर्माताओं के लिए समाधान, कनेक्टेड कार प्रणाली, ऑडियो एंड वीडियो प्रोडक्ट, उद्यम स्वचालन समाधान और इससे जुड़ी सेवाओं में कई अवसर मौजूद हैं.

5. आईटी और नेटवर्किंग हार्डवेयर स्किल्स

सीखा जाने वाला कौशल: छात्रों को सूचना भंडारण, प्रसंस्करण और संचार के क्षेत्र में प्रशिक्षण मिलता है. आईटी और नेटवर्किंग कौशल में बी. वोक. के तहत कंप्यूटर का इस्तेमाल कर सकते हैं. नेटवर्किंग कंस्ट्रक्शन, नेटवर्क का उपयोग और प्रबंधन, जिसमें हार्डवेयर (केबल बिछाने, हब, पुल, स्विच, रूटर आदि) भी शामिल है. टेलीकम्युनिकेशन प्रोटोकॉल और सॉफ्टवेयर का चुनाव व इस्तेमाल, नेटवर्क का उपयोग और इस्तेमाल व ऑपरेशन नीतियों की स्थापना आदि.

एक नेटवर्क आर्किटेक्ट में सभी कर्मचारियों के इस्तेमाल के लिए नेटवर्क सिस्टम बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने जैसे कौशल का होना जरूरी है. इन नेटवर्कों में लोकल एरिया नेटवर्क (लेन), वाइड एरिया नेटवर्क (वेन), इंट्रानेट्स और एक्स्ट्रानेट्स शामिल हो सकते हैं. नेटवर्क की जटिलता संगठन के आधार पर भिन्न हो सकती है और कंपनी के पास इसके लिए एक समर्पित इंजीनियर हो सकता है या कई तकनीकी विशेषज्ञ, मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के साथ मिलकर काम कर सकते हैं.

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अवसर: डिजिटलीकरण, सूचना प्रौद्योगिकी, स्मार्ट शहरों और औद्योगिक स्वचालन में वृद्धि की ओर देखते हुए आज इन क्षेत्रों में कौशल बहुत महत्वपूर्ण है. छात्र नेटवर्क विशेषज्ञ या नेटवर्क सेवा टेकनीशियन, नेटवर्क व्यवस्थापक, नेटवर्क इंजीनियर, नेटवर्क विश्लेषक/प्रोग्रामर, नेटवर्क प्रबंधक और नेटवर्क सोल्यूशन आर्किटेक्ट बनकर प्रबंधन या संगठनात्मक आवश्यकता के अनुसार नेटवर्क समाधान बनाने के लिए काम करने जैसे अवसरों को हासिल कर सकता है.

ऐसे पाठ्यक्रमों की पेशकश करने वाले विश्वविद्यालय या संस्थान...

1. भारतीय स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी- ये स्विस डुअल सिस्टम ऑफ स्किल्स एजुकेशन पर काम करता है, जिसका कंसेप्ट एक मशीन पर एक छात्र है.

2. राजस्थान आईएलडी स्किल यूनिवर्सिटी- ये एक ऐसा विश्वविद्यालय है जो मात्र कौशल आधारित प्रोग्राम पेश करता है.

3. देश में 6 और कौशल विश्वविद्यालय हैं जो बीटेक, बीबीए, बीसीए, आदि जैसे औपचारिक पाठ्यक्रमों के साथ कौशल कार्यक्रम पेश करते हैं.

(ए) टीम लीज स्किल्स यूनिवर्सिटी अहमदाबाद

(बी) सिंबियोसिस स्किल एंड ओपन यूनिवर्सिटी पुणे

(सी) हरियाणा विश्वकर्मा स्किल यूनिवर्सिटी गुड़गांव

(डी) सेकोम स्किल यूनिवर्सिटी कोलकाता

(ई) सेंचुरियन यूनिवर्सिटी भुवनेश्वर

यूजीसी ने सभी सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को बी. वोक. और एम.वोक कार्यक्रम प्रदान करने की अनुमति दी है. कुछ विश्वविद्यालयों ने थीसिस की पेशकश शुरू कर दी है. एआईसीटीई भी इस प्रकार के कौशल कार्यक्रमों को बढ़ावा देता है.

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