
रेलवे द्वारा अधिकृत एक कंपनी ने सुझाया है कि दिल्ली और कोलकाता के बीच बुलेट ट्रेन चलाकर दोनों शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करके पांच घंटे तक का किया जा सकता है. रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हीरक चतुर्भुज परियोजना के दो अन्य मार्गों के साथ 1513 किलोमीटर लंबे दिल्ली-कोलकाता हाईस्पीड कॉरिडोर पर भी विचार किया जा रहा है.
कॉरिडोर पर आएगी 84,000 करोड़ रुपये की लागत
कॉरिडोर पर 84,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. राजग सरकार का महत्वाकांक्षी हीरक चतुर्भुज कार्यक्रम चार महानगरों को हाईस्पीड रेल नेटवर्क के माध्यम से जोडेगा. स्पेनिश कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली और कोलकाता के बीच प्रस्तावित बुलेट ट्रेन से 4 घंटे 56 मिनट में सफर किया जा सकेगा, जबकि राजधानी ट्रेन से इस यात्रा में अभी 17 घंटे लगते हैं. बुलेट ट्रेन एक खास ट्रैक पर करीब 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है.
12 शहरों को कवर करेगा दिल्ली-कोलकाता हाईस्पीड कॉरीडोर
दिल्ली-कोलकाता हाईस्पीड मार्ग पर आगरा, लखनऊ, वाराणसी और पटना समेत करीब 12 शहर हैं. रिपोर्ट के अनुसार लखनऊ, वाराणसी और पटना की यात्रा का समय भी कम हो जाएगा. लखनऊ के लिए दिल्ली से बुलेट ट्रेन से पौने दो घंटे लग सकते हैं, वहीं वाराणसी दो घंटे 45 मिनट में पहुंचा जा सकेगा. हालांकि, अधिकारी ने कहा कि दिल्ली-वाराणसी या दिल्ली-लखनऊ मार्ग के लिए अलग से कोई अध्ययन नहीं किया गया है. अंतिम रिपोर्ट साल के अंत तक जमा की जाएगी.