
झांसी। सूखा बुंदेलखंड के लिए कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस बार कुछ ऐसा हो रहा है कि बुंदेलखंड के कुछ हिस्से में भारी बारिश ने बाढ़ जैसे हालात पैदा कर दिए हैं तो कुछ इलाकों में बरसात होने का नाम ही नहीं ले रही. मध्य प्रदेश में पानी है और उत्तर प्रदेश में सूखा.
इस बीच बेतवा नदी पर बने राजघाट बांध में दस मीटर पानी पहुंचा है. ये पानी मध्य प्रदेश के पर्वतीय इलाकों से बहकर आया है. बांध को भरने में अभी पांच मीटर पानी की और दरकार है. सोमवार को बुंदेलखंड के सागर से लेकर भोपाल तक बारिश होती रही.
वहीं सागर से सटे यूपी के बुंदेलखंड के हिस्से में लोग बारिश को तरस रहे हैं. यहां बुंदेलखंड के अन्य जिलों की तुलना में सबसे कम 90 मिलीमीटर बारिश हुई है.
झांसी जिले में 900 मिलीमीटर के सापेक्ष अभी तक 290.6 एमएम बारिश हुई. जबकि बुंदेलखंड के मध्य प्रदेश वाले हिस्से में जाएं तो वहां बारिश जोर आजमा रही है. पिछले एक सप्ताह में दमोह, सागर और छतरपुर में भारी वर्षा से बाढ़ जैसे हालात भी बने रहे.
कई रिहायशी इलाकों में पानी ने लोगों का जीवन प्रभावित कर दिया. रविवार को छतरपुर में बारिश से धसान नदी में उफान इस कदर था कि उसमें फंसे 10 को निकालने के लिए प्रशिक्षित गोताखोरों की टीम को लगाना पड़ा.
सभी बच्चों को बचा लिया गया है. पिछले दिनों सागर में इतना पानी भर गया था कि वहां सेना को हेलीकॉप्टर से मदद के लिए भेजा गया था. टीकमगढ़ में भारी बारिश से कई इलाकों में पानी भर गया. वहां के प्रसिद्ध जटाशंकर मंदिर के अंदर बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया.
भोपाल से लेकर सागर तक पानी ही पानी है और इसके आगे सूखा. यहां से गुजरने वाली बुंदेलखंड की बेतवा नदी के लिए अच्छी बात यह है कि उसे मध्य प्रदेश के पर्वतीय इलाके भर रहे हैं. ये पानी बेतवा नदी से बहकर राजघाट में इकठ्ठा हो रहा है.
एक सप्ताह के भीतर राजघाट बांध का स्तर सोमवार तक 356 मीटर से बढ़कर 366 तक पहुंच गया है. राजघाट बांध की क्षमता 371 मीटर की है. यानी राजघाट को भरने के लिए अभी 5 मीटर और पानी की दरकार है, लेकिन सूख रहे बांध में बिना बारिश के एक सप्ताह में दस मीटर पानी भर जाना राहत भरी बात है.
उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में सूखे जैसे हालात
उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड में बेहद कम बारिश हुई है. इस इलाके में अभी तक औसत से सिर्फ 20 फीसदी बरसात ही दर्ज की गई है. ललितपुर में 75 मिलीमीटर, झांसी में 290.6, जालौन में 124 एमएम बारसात दर्ज की गई.
चित्रकूट मण्डल में भी हालात सूखा जैसे हैं. बारिश नहीं हुई तो किसान खरीफ की फसल से हाथ तो धो ही बैठेंगे रबी की फसल भी मुश्किल हो जाएगी.
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