Advertisement

बरेली: किसान रैली में बोले PM मोदी - पहले मनरेगा का क्या हुआ, भगवान ही जाने

किसानों को देश की शान बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं कामना करता हूं कि जब देश 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा होगा, किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी.' उन्होंने कहा कि किसानों के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं, लेकिन इन चुनौतियों को मौकों में बदला जा सकता है.

रैली को संबोधि‍त करते पीएम मोदी रैली को संबोधि‍त करते पीएम मोदी
रोहित गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 28 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:30 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के बरेली में किसान रैली को संबोध‍ित किया. उन्होंने कहा कि हमें अपने किसान को तकदीरवाला बनाना होगा. अगर किसान को पानी मिल जाए तो मिट्टी से सोना पैदा होगा.

कहा- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाए
किसानों को देश की शान बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं कामना करता हूं कि जब देश 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा होगा, किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी.' उन्होंने कहा कि किसानों के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं, लेकिन इन चुनौतियों को मौकों में बदला जा सकता है.

Advertisement

बोले- पहले मनरेगा का क्या हुआ भगवान जाने
प्रधानमंत्री ने मनरेगा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, 'मनरेगा कि बातें बहुत होती है, पहले मनरेगा का क्या हुआ भगवान जाने. आपको गांव में भी मनरेगा के पैसे आए होंगे, लोगों की जेब में गए होंगे. गांवों में पूछो क्या हुआ तो कुछ नजर नहीं आता.' मोदी ने यह भी कहा कि हम किसान के बेटे हैं, हमें धरती मां पर अत्याचार करने का कोई हक नहीं बनता है.

देश के सम्मान को चोट पहुंचाने वालों को मुंहतोड़ जवाब देंगे: राजनाथ
प्रधानमंत्री से पहले गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस रैली को संबोध‍ित किया. गृह मंत्री ने जेएनयू में देशद्रोही नारेबाजी पर कहा, 'कुछ अवांछनीय ताकतें भारत के विरोध का नारा लगाती हैं, भारत के टुकड़े-टुकड़े कर देने की बात करती हैं.' राजनाथ ने चेताया कि भारत के मान-सम्मान पर यदि कोई ताकत चोट पहुंचाने की कोश‍िश करेगी तो उसका मुंह-तोड़ जवाब देने की आपके देश में हुकूमत है.

Advertisement
चुनौतियों को अवसर में बदलें
मोदी ने कहा कि आज किसान के सामने अनेक तरह की चुनौतियां हैं, लेकिन इन चुनौतियों को अवसर में बदला जा सकता है. अगर किसान और राज्य सरकारें सहयोग करें, तो क्रांतिकारी बदलाव आ सकते हैं. जहां-जहां राज्य सरकारें कृषि के काम में रुचि लेती हैं, वहां अप्रतिम प्रगति होती है, लेकिन जहां की सरकारें उदासीन रवैया अपनाती हैं, वहां खेती किसान के नसीब पर छोड़ दी जाती है.

किसानों और खेती को दें प्राथमिकता
पीएम ने कहा कि वह न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि सभी राज्य सरकारों से आदरपूर्वक अनुरोध करते हैं कि वे अपने राज्य के कामों में कृषि, किसानों और खेती के विषयों को सबसे बड़ी प्राथमिकता दें, आप देखिएगा कि देखते ही देखते स्थिति बदल जाएगी. जो रोडमैप तय किया है और जो योजनाएं बनाईं, उन्हें लागू करने का काम कर लें, तो मेरा सपना पूरा हो सकता है. मेरा और आपका सपना मिलाकर हम उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं.

पीएम ने बताई दोगुनी आय की तरकीब
खेती को तीन हिस्सों में बांटने की जरूरत बताते हुए पीएम ने कहा कि किसान अपने खेत का एक तिहाई हिस्सा उस पर बाड़ लगाकर बर्बाद कर देता है, अगर उस हिस्से पर फर्नीचर इत्यादि के लिए लकड़ी की खेती की जाए और एक तिहाई हिस्से में पशुपालन, मधुमक्खी पालन और अंडा उत्पादन के लिए कुक्कुट पालन किया जाए और उनसे होने वाली आमदनी को खेती की आय से जोड़ दिया जाए, तो किसानों की आय दोगुनी हो सकती है.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement