
पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले बुराड़ी कांड की गुत्थी दिल्ली पुलिस ने करीब-करीब सुलझा ली है. जल्द ही 11 लोगों की मौत के राज से पर्दा हटने वाला है. सूत्रों के मुताबिक कई सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पुलिस इस नतीजे पर पहुंचती दिख रही है कि फंदे से लटके मिले 11 शवों के पीछे कोई साजिश नहीं थी, बल्कि पूरा परिवार अंधविश्वास के चक्कर में खुद फंदे से लटक गया.
30 जून, रात करीब 10 बजे, बुराड़ी, दिल्ली
सीसीटीवी फुटेज की जांच करने पर पुलिस को पता चला कि खुदकुशी के लिए पूरा परिवार खुद स्टूल लेकर आया था. देश को झकझोर देने वाले बुराड़ी केस की कई तस्वीर हैं, जो फांसी के फंदे से झूलते एक परिवार के 11 लोगों के शवों की गुत्थी सुलझाने में दिल्ली पुलिस के लिए काफी मददगार साबित हुई हैं. सीसीटीवी फुटेज में दो महिलाएं नजर आ रही हैं. पुलिस के मुताबिक सीसीटीवी वीडियो में दिख रही एक महिला-सामूहिक खुदकुशी के पीछे मास्टरमाइंड बताए जा रहे ललित भाटिया की पत्नी नीतू है, जबकि दूसरी महिला ललित की बहन है. दोनों महिलाओं के हाथ में छह स्टूल हैं, जिन्हें बाद में खुदकुशी के लिए इस्तेमाल किया गया.
30 जून, रात करीब 10:20 बजे, बुराड़ी, दिल्ली
दूसरी सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि फंदे के लिए वायर लाई गई थी. बुराड़ी केस से जुड़ा जो दूसरा अहम सीसीटीवी फुटेज दिल्ली पुलिस के हाथ लगा है वो रात 10 बजकर बीस मिनट का है. ये वीडियो हालांकि मीडिया को जारी नहीं किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक इस वीडियो में ललित और उसके भाई भुवनेश भाटिया के बच्चे फर्नीचर की दुकान से तार लेकर घर जाते नजर आ रहे हैं. वीडियो में जो तार बच्चे लाते नजर आए हैं, फंदे में उसी तार का इस्तेमाल हुआ था.
ये बेहद अहम सबूत हैं. वारदात से पहले स्टूल का लाना और फिर वायर लेकर घर आना. दिल्ली पुलिस मजबूती से इस थ्योरी पर पहुंच रही है कि पूरा मामला खुदकुशी का है. सबसे अहम बात ये है कि मकान में किसी के जबरन घुसने या किसी सदस्य के जिस्म पर संघर्ष के कोई निशान नहीं हैं.
30 जून, रात करीब 10:40 बजे, बुराड़ी, दिल्ली
तीसरी सीसीटीवी फुटेज में दिख रहा है कि भाटिया परिवार के लिए कोई खाना लेकर आया था. मतलब कि उस रात खाना बाहर से आया था. इस वीडियो को भी दिल्ली पुलिस ने जारी तो नहीं किया है लेकिन सूत्रों के मुताबिक ललित के घर के बाहर 30 जून की रात 10 बज कर चालीस मिनट पर जो गतिविधि सीसीटीवी में कैद हुई है. उसमें पास के होटल का एक लड़का खाना डिलीवर करता नजर आ रहा है. चूंकि खाना आने में देरी हुई थी इसलिए प्रियंका और उसके दो कजन घर से बाहर खाने का इंतजार करते नजर आते हैं.
गौरतलब है कि ललित के निर्देशों के मुताबिक उस रात किसी को घर का खाना नहीं खाना था और खाने में सिर्फ रोटी ही खानी ही थी. इसलिए बाहर से खाना मंगवाया गया था.
30 जून, सुबह 6 बजे, बुराड़ी, दिल्ली
चौथी सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि मौत से पहले भाटिया परिवार ने पूजा-पाठ किया था. फुटेज में दिख रहा है कि ललित का भाई भुप्पी मंदिर से लौटता है. वो सभी खुदकुशी से पहले की तस्वीरें हैं. उन तस्वीरों में भोपाल सिंह राठी का सबसे बड़ा बेटा और ललित का भाई भुवनेश उर्फ़ भुप्पी नजर आता है. पहली तस्वीर में वो घर से बाहर की तरफ जाता नजर आ रहा है. दूसरी तस्वीर में वो वापस आता हुआ दिखता है. अब जरा इन तस्वीरों के पीछे की कहानी सुनिये. भुप्पी रोजाना सुबह करीब छह बजे घर के नीचे अपनी दुकान खोलता था. उसकी दुकान घर के ठीक नीचे है. दुकान खोलने से पहले वो गली के ही दूसरे छोर पर स्थित मंदिर में दर्शन करने गया था. ये तस्वीर मंदिर जाने और आने की है.
30 जून, सुबह 6 बजे, बुराड़ी, दिल्ली
पांचवी सीसीटीवी फुटेज में घर के सदस्य मौत से पहले मॉर्निंग वॉक करते नजर आते हैं. वे तस्वीरें भी 30 जून की सुबह की ही हैं. जिनमें ललित की बहन और उसकी भांजी प्रियंका सुबह सैर करती नज़र आ रही है. आपको बता दें कि प्रियंका वही लड़की है जिसकी सगाई सामूहिक खुदकुशी की वारदात से 13 दिन पहले सत्रह जून को धूमधूम से हुई थी. उसके सगाई समारोह की वीडियो भी पुलिस के पास है, जिसमें सब बेहद खुश नजर आ रहे हैं. तब शायद किसी को पता भी नहीं था कि 12 दिन बाद प्रियंका ही नहीं बल्कि पूरा परिवार फंदे से झूल जाएगा. नोएडा की आईटी फर्म में काम करने वाली प्रियंका की शादी नवंबर में होने वाली थी.
30 जून, दोपहर सवा 12 बजे, बुराड़ी, दिल्ली
इस मामले की छठवीं सीसीटीवी फुटेज में ललित एक मोबाइल दुकान पर नजर आता है. इस सीसीटीवी फुटेज में मोबाइल की एक दुकान पर ललित भाटिया नजर आ रहा है. ललित सिम रिचार्ज कराने पहुंचा था. ये ललित की आखिरी तस्वीर है.
शुक्रिया करने के लिए की आत्महत्या
वारदात से करीब 12 घंटे पहले ललित का सिम रिचार्ज करने जाना ये शक पैदा करता है कि तब तक शायद फंदे से झूलने का प्लान नहीं बना था. या शायद ये भी हो सकता है कि उनकी मानसिक दशा ऐसी हो चुकी थी कि उन्हें फंदे से झूलकर भी बच निकलने का भरोसा था, क्योंकि ललित इसे खुदकुशी नहीं बल्कि धार्मिक कर्मकांड की प्रक्रिया बता रहा था. बताया जाता है कि कथित रूप से पिता की आत्मा के हवाले से ललित के कहने पर पूरे परिवार ने ईश्वर का आभार जताने के लिए ऐसा किया क्योंकि उन्हें लगता था कि ललित के कहने पर जो काम किए गए उसकी वजह से परिवार को कई सारी खुशियां नसीब हुईं.