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महाराष्ट्र में इस्तीफा दे सकते हैं शिवसेना के मंत्री, सरकार को बाहर से देंगे समर्थनः सूत्र

राउत ने कहा कि शिवसेना आखिरी समय तक लड़ी है और इसी तरह 2019 में भी लड़ेगी. यहां बीजेपी की जीत नहीं हुई है, बल्कि चुनाव आयोग उन्हें समर्थन दे रहा है. इस जीत का श्रेय चुनाव आयोग को जाना चाहिए.

उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो) उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2018,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

एक और उपचुनाव में बीजेपी अभी खराब प्रदर्शन से जूझ ही रही थी कि शिवसेना फिर से बागी तेवर दिखाने के मूड में आ गई है. सूत्र बताते हैं कि वह जल्द ही महाराष्ट्र सरकार से हटने का ऐलान कर सकती है. हालांकि वह सरकार से हटने के बाद राज्य में बीजेपी सरकार को बाहर से समर्थन दे सकती है.

महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी के राजेंद्र गावित ने गुरुवार को शिवसेना के प्रत्याशी को 29 हजार से ज्यादा मतों के अंतर से हरा दिया. इसके बाद शिवसेना ने ईवीएम में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया और जीत के लिए बीजेपी के बजाए चुनाव आयोग को श्रेय दिया.

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हालांकि ऐसा नहीं है कि एनडीए की सहयोगी शिवसेना की ओर से पहली बार बागी तेवर दिखाया गया है. इससे पहले भी वह कई दफा बीजेपी पर हमलावर रही है. पार्टी ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि 2019 में आम चुनाव में वह अलग से चुनाव लड़ेगी.

इससे पहले पालघर लोकसभा सीट पर बड़े अंतर से पिछड़ जाने के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने ईवीएम में गड़बड़ी आरोप लगाया था. इस सीट पर बीजेपी और शिवसेना आमने-सामने थी जिसमें बीजेपी उम्मीदवार राजेंद्र गावित ने जीत दर्ज की.

राउत ने आरोप लगाते हुए कहा कि क्षेत्र में कई ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी थी. साथ ही 5-6 हजार लोगों के नाम भी वोटर लिस्ट से गायब थे. साथ ही उन्होंने कहा कि वोटिंग के 12 घंटे बाद चुनाव आयोग ने मतदान प्रतिशत को ही बदल दिया. यह सभी बातें संदेह पैदा करती हैं.

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राउत ने कहा कि शिवसेना आखिरी समय तक लड़ी है और इसी तरह 2019 में भी लड़ेगी. यहां बीजेपी की जीत नहीं हुई है, बल्कि चुनाव आयोग उन्हें समर्थन दे रहा है. इस जीत का श्रेय चुनाव आयोग को जाना चाहिए.

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