
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग में महिलाओं को प्रदर्शन करते हुए एक महीने से ज्यादा हो गए हैं. महिलाओं का यह आंदोलन कम होने के बजाय बढ़ता ही जा रहा है और अब तो शाहीन बाग के प्रोटेस्ट की तर्ज पर देश के दूसरे हिस्सों में भी महिलाएं सीएए और एनआरसी के खिलाफ धरने पर बैठ गई हैं.
शाहीन बाग की तरह दिल्ली के खुरेजी में महिलाओं का धरना प्रदर्शन शुरू हो गया है. दिल्ली की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के कई शहरों और बिहार की राजधानी पटना में भी महिलाएं धरने पर बैठ गई हैं. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के मनसूर अली पार्क, देवबंद, कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में महिलाएं जहां रात-दिन धरने पर बैठी हैं तो बरेली के इस्लामिया कॉलेज में पुरुष धरने पर बैठे हैं. ऐसे ही बिहार की राजधानी पटना के सब्जीबाग में महिलाएं सीएए-एनआरसी के खिलाफ धरने पर बैठी हैं.
दिल्ली के खुरेजी में CAA के विरोध में महिलाएं धरने पर
शाहीन बाग के विरोध प्रदर्शनों से प्रेरित महिलाओं ने सोमवार की रात से खुरेजी में एकत्रित हुईं और सीएए-एनआरसी के विरोध में धरने पर बैठ गईं. खुरेजी में शुरू में तो कोई 40-50 महिलाओं ने धरना प्रदर्शन शुरू किया लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती गई और अब इसमें स्थानीय लोग भी शामिल होने लगे हैं. अब हालत यह हो गई है कि हजारों महिलाएं धरने पर जुट गई हैं. ये महिलाएं नागरिकता कानून के खिलाफ नारे लगाकर अपना विरोध जता रही हैं. महिलाओं के साथ हजारों स्थानीय नागरिक भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गए हैं.
इलाहाबाद में जारी महिलाओं का विरोध प्रदर्शन
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महिलाएं शहर के मनसूर अली पार्क में बीते चार दिनों से धरने पर बैठी हैं. पुलिस और प्रशासन कड़ी मशक्कत के बाद भी उनका धरना समाप्त कराने में कामयाब नहीं हो सका है. जबरदस्त भीड़ और विरोध के चलते प्रशासन सफल नहीं हो पा रहा है. आंदोलन की कमान मुस्लिम महिलाओं के हाथों में है और वहां पर बड़ी संख्या में छोटे बच्चे और पुरुष भी उपस्थित हैं. महिलाएं पूरी रात यहां खुले आसमान तले बैठी हैं, यहीं नमाज पढ़ती हैं और यहीं पर खाना खाती हैं. यहीं से सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रही हैं.
कानपुर में भी सीएए-एनआरसी के खिलाफ मुस्लिम महिलाएं धरने पर बैठी हैं. हालांकि कानपुर के मोहम्मद अली पार्क में चल रहा धरना प्रदर्शन प्रतिदिन चार घंटे चलता है. सीएए-एनआरसी के खिलाफ ये धरना हर रोज शाम पांच बजे शुरू होता है और रात आठ बजे तक चलता है. इस धरने की कमान भी मुस्लिम महिलाओं के हाथ में है, जिसे 'लोकतंत्र बचाओ समिति' के द्वारा समर्थन दिया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार जब तक नागरिकता कानून को वापस नहीं ले लेगी तब तक हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
सीएए के खिलाफ देवबंद में धरना
उत्तर प्रदेश के देवबंद में सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम महिलाओं ने सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान महिलाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और हाथों में तिरंगे लेकर फ्लैगमार्च निकाला और बाद में ईदगाह मैदान में धरने प्रदर्शन पर बैठ गई हैं. 'ख्वतीन एक्शन कमेटी' के नेतृत्व में मुस्लिम महिलाएं धरना प्रदर्शन कर रही हैं. महिलाएं हाथों में तिरंगे, सीएए, एनआरसी और एनपीआर विरोधी बैनर लेकर धरने पर हैं. महिलाओं की ओर से सीएए के खिलाफ राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा जाएगा.
बरेली में धरने पर बैठे मौलाना तौकीर रजा
उत्तर प्रदेश के बरेली के इस्लामिका कॉलेज में मौलाना तौकीर रजा सहित कई मुस्लिम मौलाना और इमाम सहित बड़ी तादाद में लोग सीएए-एनआरसी के खिलाफ तीन दिन से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के मुख्य प्रदेश महासचिव वीरपाल सिंह यादव और शहर इमाम खुर्शीद आलम धरने पर बैठे हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएए की आड़ में केंद्र सरकार अपनी नाकामी को छुपा रही है और एक वर्ग में भय का वातावरण पैदा किया जा रहा है. मौलाना तौकीर रजा ने धर्म निर्पेक्ष राजनीतिक दलों से भी एक होकर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लड़ाई छेड़ने का आह्वान किया. मुस्लिम महिलाएं भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं.
बिहार के पटना-गया में विरोध प्रदर्शन
सीएए-एनआरसी के खिलाफ बिहार की राजधानी पटना के सब्जीबाग चौराहे के पास मुस्लिम महिलाएं और पुरुष धरने पर बैठे हैं. पिछले चार दिन से पटना में सीएए के खिलाफ धरना चल रहा है. इस आंदोलन को धार देने के लिए जेएनयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित कई बड़े नेता भी पहुंच रहे हैं. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी पटना के सब्जीबाग जाने और आंदोलन को समर्थन देने का एलान कर चुके हैं. बिहार के गया में भी पिछले कई दिनों से सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ धरना प्रदर्शन चल रहा है. आंदोलन में शिरकत कर रहे लोगों का साफ तौर पर कहना है कि जब तक कानून वापस नहीं लिया जाएगा तब तक धरना जारी रहेगा.