
नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) पर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच सियासी मोर्चेबंदी तेज हो गई है. सीएए को लेकर एक तरफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं तो दूसरी तरफ समर्थन में बीजेपी नेता रैलियां कर रहे हैं. इस कड़ी में बीजेपी अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार के वैशाली में सीएए के समर्थन में जनसभा को संबोधित करेंगे. वहीं, केरल की तर्ज पर पंजाब की अमरिंदर सरकार पंजाब विधानसभा में केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी.
सीएए के समर्थन में शाह रखेंगे बात
सीएए के समर्थन में अमित शाह आज दोपहर में बिहार के वैशाली के खरौना मैदान में जनसभा को संबोधित करेंगे. शाह इस दौरान सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर जनता के समक्ष सरकार की स्थिति स्पष्ट करेंगे. इस रैली में बीजेपी अध्यक्ष के साथ डिप्टी सीएम सुशील मोदी, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, मंत्री नंद किशोर यादव भी संबोधित करेंगे. वहीं, दूसरी ओर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीएए-एनआरसी के विरोध में किशनगंज से आज से ही प्रतिरोध यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं.
नीतीश के बदले सुर, शाह की रैली पर होगी नजर
बता दें कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू और बीजेपी की गठबंधन सरकार है. सीएम नीतीश कुमार की पार्टी ने सीएए को समर्थन किया था, लेकिन विरोध प्रदर्शन को देखते हुए अब उनके सुर बदल गए हैं. नीतीश ने कहा कि सीएए पर चर्चा होनी चाहिए और बिहार में एनआरसी को किसी भी सूरत में लागू नहीं होने देंगे. ऐसे में अमित शाह वैशाली की रैली में सीएए और एनआरसी पर क्या बोलते हैं इस पर सभी की नजर है. बता दें कि सीएए के समर्थन को लेकर अमित शाह नई दिल्ली, जोधपुर, गांधीनगर और जबलपुर में सभाएं कर चुके हैं.
सीएए को लेकर केरल की तर्ज पर पंजाब सरकार
सीएए-एनआरसी के खिलाफ कांग्रेस ने तेवर शख्त कर लिए हैं. कांग्रेस पार्टी की जिन राज्यों में सरकार हैं वहां पर इस कानून के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. अब केरल की तरह पंजाब भी विधानसभा में सीएए के खिलाफ विरोध में प्रस्ताव पास कराने की रणनीति अपनाई है. अमरिंदर सरकार ने 16 और 17 जनवरी को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. इस सत्र को कुछ अलग मुद्दों और जरूरी विधेयकों को पारित करने के साथ-साथ सीएए, एनआरसी और एनपीआर को लेकर पंजाब विधानसभा सदन के सदस्य की इच्छा के अनुरूप फैसला लेने का एजेंडा भी शामिल है.
सीएए के खिलाफ अमरिंदर का विरोध प्रस्ताव
दरअसल पंजाब विधानसभा में कांग्रेस के पास बहुमत से कहीं ज्यादा का आंकड़ा है. ऐसे में माना जा रहा है कि इस खास सत्र में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सीएए, एनआरसी और एनपीआर को पंजाब में लागू न करने के लिए केंद्र सरकार के एक्ट के खिलाफ पंजाब विधानसभा से कोई बड़ा प्रस्ताव पारित करवा सकते हैं. हालांकि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही केंद्र सरकार के सीएए को असंवैधानिक बताते हुए राज्य में किसी भी हाल में लागू न करने की बात साफ कर चुके हैं.