
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों का संसद मार्च शुरू हो चुका है. जामिया के गेट नंबर 7 पर छात्र डटे हुए हैं और इलाकों में भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. संसद का बजट सत्र चल रहा है, ऐसे में मुमकिन है कि कुछ दूरी तक जाने के बाद पुलिस की ओर से यह मार्च रोका जा सकता है.
मंडी हाउस पर कई छात्र पहले से ही जमा हो चुके हैं. ऐसे में एक बार फिर छात्रों और पुलिस के बीच टकराव की आशंका बनी हुई है. दिल्ली में मतदान से पहले छात्रों के प्रदर्शन में दो बार फायरिंग की वारदात भी हो चुकी है, यही वजह से कि पुलिस इस बार ज्यादा चौकन्नी है और कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं.
इससे पहले चुनाव के मद्देनजर जामिया कोर्डिनेशन कमेटी ने जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गेट नं. 7 से जारी धरना प्रदर्शन को एक दिन के लिए हटने का फैसला किया था. बता दें कि जामिया में छात्र नागरिकता कानून के खिलाफ महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं.
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जामिया और शाहीन बाग में फायरिंग की तीन घटनाएं हो चुकी हैं. पहली घटना 30 जनवरी की है जब जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर गोपाल नाम के एक लड़के ने गोली चलाई थी. इसमें पत्रकारिता का एक छात्र जख्मी हो गया था.
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दूसरी घटना 1 फरवरी को शाहीन बाग में हुई थी. शाहीन बाग में CAA के खिलाफ जारी प्रदर्शन स्थल से कुछ ही दूरी पर कपिल नाम के एक शख्स ने हवाई फायरिंग की थी. उसका कहना था, 'देश में और किसी की नहीं चलेगी, सिर्फ हिंदुओं की चलेगी.' फिलहाल वह पुलिस की हिरासत में है. वह पूर्वी दिल्ली के दल्लूपुरा इलाके का रहने वाला है.
फायरिंग की तीसरी घटना जामिया मिल्लिया इस्लामिया में तीन फरवरी की रात में फिर फायरिंग की घटना हुई थी. यह फायरिंग जामिया के गेट नंबर सांच पर हुई थी. बताया जा रहा है कि फायरिंग के दौरान दो संदिग्ध देखे गए. रात में फायरिंग की सूचना मिलते ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर लोग जुट गए और प्रदर्शन शुरू हो गया.