
नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स (NRC) का विरोध कर रही विपक्ष को एक और झटका लगा है. आज दिल्ली में होने वाली इस बैठक में अब आम आदमी पार्टी भी शामिल नहीं होगी. मायावती और ममता बनर्जी इस बैठक का पहले ही बहिष्कार कर चुकी हैं. अब आम आदमी पार्टी ने भी इस बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों के बीच साझा रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस ने समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों को सोमवार को एक बैठक के लिए आमंत्रित किया है. सीएए के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में सभी विपक्षी दल सोमवार दोपहर दो बजे संसद उपभवन में बैठक करेंगे. लेकिन इसमें आम आदमी पार्टी ने शामिल नहीं होने का फैसला किया है.
समान विचारधारा वाली पार्टियों को न्योता
कांग्रेस ने समान विचारधारा की सभी पार्टियों को एक साझा मंच पर आने का आमंत्रण भेजा है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने हालांकि बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है. इनके अलावा उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी बैठक में शामिल होने की पुष्टि नहीं की है. इसी तरह आम आदमी पार्टी ने भी इसमें न शामिल होने का फैसला किया है.
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि सभी विपक्षी राजनीतिक दल इस बैठक में शामिल होंगे. समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के नए गठबंधन साझेदार शिवसेना बैठक में शामिल हो सकते हैं.
ये पार्टियां होंगी शामिल
इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, लेफ्ट, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), समाजवादी पार्टी (एसपी) समेत कई पार्टियां शामिल होंगी. पार्लियामेंट एनेक्सी में दोपहर 2 बजे होने वाली इस बैठक में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रह सकते हैं.
बैठक का अहम मुद्दा जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू), जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में हुई हिंसा है. इस मामले में कांग्रेस ने फैक्ट फाइंडिंग कमेटी भी बनाई थी. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट आला कमान को सौंप दी है.
एनपीआर वापस लेने की मांग
कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) ने पहले ही सीएए और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को वापस लेने की मांग की है. सीडब्ल्यूसी के इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करते ही कांग्रेस शासित राज्य इस संकल्प को अपना सकते हैं. सीडब्ल्यूसी ने शनिवार को एक बैठक में एक संकल्प पारित करने के बाद कहा, "(प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली केंद्र सरकार ने देशभर के युवाओं और छात्रों की आवाज का दमन करने, वश में करने या दबाने के लिए क्रूरता अपनाई है."