
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ देशभर में उग्र हिंसक प्रदर्शनों के मामले सामने आ रहे हैं. पूर्वोत्तर के राज्यों से शुरू हुई हिंसा की लपटें अब उत्तर प्रदेश में भी पहुंच गई हैं. प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हिंसक झड़पों के मामले सामने आ रहे हैं.
विरोध प्रदर्शनों के हिंसक होने की एक बड़ी वजह फेक न्यूज और भड़काऊ खबरें मानी जा रही हैं. सोशल मीडिया साइट्स पर नागरिकता कानून को लेकर गलत-गलत अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जिसकी जद में आकर लोग हिंसक प्रदर्शन पर उतर जा रहे हैं.
ऐसी ही हिंसा की लपेट में पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले आ गए हैं. अफवाहों को रोकने के लिए स्थानीय प्रशसान सतर्क है, इसलिए ही संवेदनशील जगहों पर इंटरनेट बंद कर दिया जा रहा है, जिससे लोगों तक भड़काऊ सामग्री और खबरें न पहुंच सकें. उत्तर प्रदेश के मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़, बरेली, प्रयागराज और संभल जिलों में इंटरनेट सेवाएं 24 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार देर रात यूपी में कानून व्यवस्था के मद्देनजर राज्य से सभी डीएम और एसएसपी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की. सीएम योगी ने लखनऊ में हुई हिंसा पर भी प्रशासन से सवाल किया, साथ ही शुक्रवार की रणनीतियों पर चर्चा भी की.
1. लखनऊ में हिंसा भड़कने के बाद इंटरनेट बंद
लखनऊ में इंटरनेट सेवाएं कुछ इलाकों में बंद कर दी गई हैं. दरअसल नागरिकता कानून के विरोध में गुरुवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हिंसा हुई. इस दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया और वाहनों को आग लगा दी. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस चौकियों पर हमला किया, साथ में ही मीडिया की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया.
इसी बीच भीड़ की हिंसा को दबाने के दौरान पुलिस कार्रवाई में घायल हुए एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. पुलिस अभी यह नहीं पुष्टि कर रही है कि मौत फायरिंग की वजह से हुई है या नहीं. मारे गए शख्स का नाम मोहम्मद वकील है.
2. प्रयागराज में 1000 से ज्यादा लोग हिरासत में, इंटरनेट बैन
प्रयागराज में शुक्रवार सुबह 10 बजे तक के लिए इंटरनेट पर बैन लगाया गया है. प्रयागराज में भी नागरिकता संसोधन एक्ट को लेकर जमकर प्रदर्शन किया गया. प्रदर्शन कर रहे करीब 200 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. 30 लोग नामजद किए गए जबकि 1000 से ज्यादा अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज किया गया है.
3. मेरठ में 24 घंटे के लिए इंटरनेट पर रोक
मेरठ में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं. मेरठ में एहतिहातन यह फैसला लिया गया है. पूरे जिले में अगले 24 घंटे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है. हालांकि मेरठ में किसी भी तरह की अब तक हिंसक झड़प की खबरें सामने आई हैं.
4. गाजियाबाद में 24 घंटे तक इंटरनेट पर प्रतिबंध
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में प्रशासन ने इंटरनेट सेवाओं को 24 घंटे के लिए बंद करने का आदेश दिया है. गाजियाबाद में गुरुवार रात 10 बजे से शुक्रवार रात 10 बजे तक इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कई संवेदनशील जगहों पर पहले ही इंटरनेट सेवाएं रोकी गई हैं.
5. अलीगढ़ में भी इंटरनेट पर रोक
अलीगढ़ में हालात बेहद संवेनदशील हैं. अलीगढ़ जिले में इंटरनेट सेवाएं 20 दिसंबर की मध्य रात्रि 12 बजे तक के लिए रोकी गई हैं. बीते 4 दिन से अलीगढ़ में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं. इसके साथ ही लोकल केबल नेटवर्क भी बंद कर दिया गया है.
6. बरेली में इंटनेट पर प्रतिबंध
बरेली में नागरिकता कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया है. प्रशासन ने एहतिहातन जिले में इंटरनेट सेवाएं रोक दी हैं. इंटरनेट पर बैन 21 दिसंबर रात 11 बजे तक इंटरनेट पर बैन जारी रहेगा.
7. मुजफ्फरनगर में इंटरनेट पर रोक
नागरिकता कानून के खिलाफ मुजफ्फरनगर में विरोध प्रदर्शन के मामले सामने आए हैं. प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देजनर इंटरनेट सेवाएं रोक दी हैं, जिससे अफवाह न फैले. मुजफ्फरनगर में भी अब तक किसी भी तरह का हिंसक मामला सामने नहीं आया है.
8. संभल में हिंसक प्रदर्शन, इंटरनेट बैन
संभल में पुलिस ने कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इन लोगों के खिलाफ देशद्रोह और दंगे के मामले दर्ज किए गए हैं. 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इंटरनेट सेवाएं तब तक के लिए रोक दी गई हैं, जब तक स्थानीय प्रशासन इसकी इजाजत न दे.
पुलिस का दावा है कि समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने दंगा फैलाने की कोशिश की है. गुरुवार को 2 बसों में आग लगा दी गई, 2 प्राइवेट कारों को भी क्षति पहुंचाई गई है. पुलिस की गाड़ियों को भी निशाना बनाया गया है. जिले में धारा 144 लगाई गई है. 2 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोटें आई हैं.
जब्त होंगी हिंसा में शामिल दोषियों की संपत्तियां
लखनऊ में हिंसा भड़कने के बाद सीएम योगी ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक के बाद योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की इजाजत नहीं दी जा सकती. हम उपद्रवी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे. जो भी हिंसा का दोषी होगा उसकी संपत्तियां सीज की जाएंगी. इससे हिंसा में हुई क्षति की भरपाई की जाएगी.