
नागरिकता संशोधन कानून( CAA) के विरोध में सुप्रीम कोर्ट के बाहर मंगलवार देर रात महिलाएं धरने पर बैठ गईं. महिलाओं के हाथ में CAA, एनआरसी के विरोध में पोस्टर्स भी थे. महिलाओं का प्रदर्शन बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में CAA को लेकर होनी वाली सुनवाई से ठीक पहले हुआ. प्रदर्शनकारी महिलाओं की संख्या 15 से 20 रही. पुलिस के पूछने पर उनका कहना है कि कहीं भी प्रदर्शन करना उनका बुनियादी अधिकार है.
हालांकि पुलिस के समझाने के बाद वह हट गईं. पुलिस ने एक शख्स को हिरासत में भी ले लिया. बता दें कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में CAA से जुड़ी 140 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई होनी है. CAA के विरोध और समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में 144 याचिकाएं दायर की गई हैं. चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी.
इनमें से 141 याचिकाएं इस कानून के खिलाफ दायर हुई हैं. एक याचिका समर्थन में और एक केंद्र सरकार की याचिका है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर देश के अलग-अलग हाई कोर्ट में लंबित सीएए के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को सुप्रीम कॉर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है. शीर्ष अदालत बुधवार को इस पर विचार करेगी.
29 जनवरी को भारत बंद
उधर, शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. प्रदर्शनकारियों ने 29 जनवरी को भारत बंद बुलाया है. दिल्ली के शाहीन बाग में एक महीने से भी ज्यादा समय से CAA के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें यहां से नहीं हटा सकती.
प्रदर्शनकारियों ने एक सुर में फैसला किया है कि 29 जनवरी को सड़कें जाम की जाएंगी. उनका कहना है कि सरकार अपने प्रतिनिधि भेजेगी, उसके बाद भी विरोध यूं ही जारी रहेगा. हालांकि इसके बीच-बचाव में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने मंगलवार को शाहीन बाग के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और प्रदर्शन खत्म करने की अपील की. प्रतिनिधिमंडल ने उपराज्यपाल को एक ज्ञापन देकर सीएए वापस लेने की मांग की.