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नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में शनिवार को भी हिंसक प्रदर्शन जारी रहा. उपद्रवी तत्वों ने कई वाहनों में आग लगा दी और तोड़फोड़ की. प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं कई लोग घयाल भी बताए जा रहे हैं. घायलों में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शन में मेरठ में चार, फिरोजाबाद में दो, संभल में दो, कानपुर में दो, बिजनौर में दो, मुजफ्फरनगर में एक, रामपुर में एक और लखनऊ में एक व्यक्ति की मौत हुई है. हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद राज्य के कई इलाकों में स्कूल-कॉलेज और इंटरनेट सेवा बंद रही.
उत्तर प्रदेश पुलिस के आईजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रवीण कुमार के मुताबिक, 'नागरिकता संशोधन कानून पर हिंसक विरोध प्रदर्शन करने वाले 705 लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है, जबकि करीब 4,500 लोगों को गिरफ्तार करने के बाद रिहा कर दिया गया है.
प्रवीण कुमार ने आगे कहा, 'हिंसक प्रदर्शन में अब तक 15 लोगों की मौत हुई है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. इसके अलावा 263 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. प्रयागराज, गाजियाबाद, बहराइच, हापुड़, लखनऊ, बाराबंकी समेत सूबे के विभिन्न जिलों में हुई हिंसा के मामले में करीब 10 हजार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए गए हैं.'
सोशल साइट्स पर अफवाह फैलाने वालों पर भी कार्रवाई
बता दें कि प्रदर्शन के दौरान 57 पुलिसकर्मी को बुलेट इंजरी आई है, जबकि हिंसाग्रस्त क्षेत्रों से 405 खाली कारतूस बरामद हुए हैं. वहीं सोशल मीडिया पर भड़काऊ टिप्पणी करने के मामले में 63 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जबकि 102 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. 14 हजार से ज्यादा सोशल साइट्स पोस्ट मामले में कार्रवाई की गई है.
5965 ट्विटर पोस्ट पर एक्शन लिया गया है जबकि 8 हजार फेसबुक पोस्ट पर. वहीं 141 यूट्यूब वीडियो मामले में भी एक्शन लिया गया है.
बुंदेलखंड में पुलिस गश्त तेज
बुंदेलखंड के बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा जिलों में नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) व राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शनों के मद्देनजर मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में शनिवार को पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है. अधिकारी लोगों से साम्प्रदायिक सौहार्द बनाये रखने की अपील कर रहे हैं.
बांदा में प्रदर्शन नहीं
बांदा नगर के पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) आलोक मिश्रा ने शनिवार को बताया, "सीएए और एनआरसी को लेकर किसी तरह का प्रदर्शन नहीं हो रहा है. मुस्लिम बाहुल्य बस्ती में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है और पुलिस अधीक्षक एवं अपर पुलिस अधीक्षक मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ बैठक कर उन्हें सीएए और एनआरसी के जरिए किसी की नागरिकता नहीं खोने का भरोसा दे रहे हैं."
हमीरपुर जिले में शांति
हमीरपुर जिले में भी शांति है. मौदहा सीओ सौम्या पांडेय ने शनिवार को बताया, "मौदहा कस्बे में शुक्रवार को नमाज के बाद कुछ मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुलूस निकालने की कोशिश की थी, जिसमें पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा था. उसी को देखते हुए शनिवार को ज्यादा सावधानी बरती जा रही है. मुस्लिम धर्म गुरुओं से लगातार संपर्क बना हुआ है और आज किसी प्रकार का प्रदर्शन नहीं हुआ. सभी दुकानें खुली हैं और लोग आराम से आवाजाही कर रहे हैं ."
चित्रकूट में भी शांति
इसी प्रकार चित्रकूट जिले के कर्वी नगर सीओ रजनीश यादव ने बताया, "यहां एकदम शांति है, फिर भी सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. सोशल मीडिया की निगरानी के लिए सेल का गठन किया गया है. लोगों से लगातार शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है."
महोबा में विरोध-प्रदर्शन नहीं
महोबा जिले के पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार ने बताया, "नागरिक संशोधन अधिनियम या राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को लेकर यहां कोई विरोध प्रदर्शन नहीं हो रहा."
उन्होंने बताया, "शुक्रवार को सोशल मीडिया में एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) वजीह अहमद के खिलाफ धारा-195 ए और 67 आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी पुलिस जांच कर रही है."
इस मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व डीआईजी अहमद ने शनिवार को कहा कि "यह पोस्ट उनके मोबाइल में कहीं से आई थी, बच्चों ने खेल-खेल में उसे फारवर्ड कर दिया था. मैंने कोई पोस्ट नहीं डाली."
प्रयागराज में इंटरनेट सेवा बाधित
उत्तर प्रदेश की संगम नगरी प्रयागराज में शुक्रवार को नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ लोगों ने शांतिपूर्ण और नेतृत्वविहीन प्रदर्शन किया. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि, "महानगर में पुलिस की नाकेबंदी के बावजूद लोग सीएए और एनआरसी के खिलाफ सड़कों पर उतरे. मामूली धक्का-मुक्की के अलावा शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया गया."
बकौल अधिकारी, "अफवाहें न फैलाई जा सकें, इसके लिए गुरुवार आधी रात से ही इंटरनेट सेवा निलंबित है. शुक्रवार के विरोध प्रदर्शन की खास बात यह रही कि भीड़ नेतृत्वविहीन थी." हालांकि शनिवार रात 8 बजे फिर से इंटरनेट सेवा बहाल कर दिया गया है.
रामपुर में हाथी खाना चौराहे पर जमा हुए प्रदर्शनकारी
रामपुर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से शनिवार को प्रदर्शनकारी निकले और हाथी खाना चौराहे पर जमा हो गए. हजारों की संख्या में एकत्रित लोगों की भीड़ हिंसक हो उठी. पुलिस की बाइक समेत चार वाहनों को जला दिया गया. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि पुलिस ने गोली चलाई, वहीं पुलिस अफसरों ने इससे इनकार किया है. पुलिस ने दावा किया है कि उनकी तरफ से किसी तरह की फायरिंग नहीं की गई है. इसलिए मौत के लिए उपद्रवी खुद जिम्मेदार हैं, न कि पुलिस.
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में उलेमा ने शनिवार को रामपुर बंद का आह्वान किया था. प्रशासन ने हिंसा की आशंका भांपते हुए जिले की सभी सीमाएं सील कर दी थी, हालांकि इसके बावजूद पुलिस पर भीड़ भारी पड़ी.
कानपुर में जुटी हजारों की भीड़
कानपुर के यतीमखाना चौराहे पर जुटी हजारों की भीड़ अचानक उग्र हो गई. भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया तो जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इसमें 12 से अधिक लोगों के घायल होने की जानकारी है. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने छतों से पुलिस पर पत्थर बरसाने शुरू कर दिए.
इस बीच, समाजवादी पार्टी के विधायक अमिताभ बाजपेई और हाजी इरफान सोलंकी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है.
मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में 250 से अधिक प्रदर्शनकारी गिरफ्तार
मेरठ जोन के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने आईएएनएस को बताया, "पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में 250 से अधिक प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. हम अब दंगाइयों की पहचान कर रहे हैं, जिन्होंने आगजनी या संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है. उनकी तस्वीरें प्रदर्शित की जा रही हैं. पुलिस ने दंगाइयों से खासकर मुजफ्फरनगर में आग्नेयास्त्र भी बरामद किए हैं. मौके से दर्जनभर जिंदा कारतूस भी जब्त किए गए हैं."
लखनऊ में 6 लोग गिरफ्तार
सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन में 12 लोगों की मौत के बाद प्रारंभिक जांच से पता चला है कि बड़े पैमाने पर हुई हिंसा का तार पश्चिम बंगाल से जुड़ा है. लखनऊ में गुरुवार को हुई हिंसा व आगजनी में राज्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले कोलकाता के कम से कम छह लोग शामिल थे. लखनऊ पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
पुलिस ने कहा कि जब हजरतगंज इलाके में घटनास्थल से बरामद 11 मोबाइल फोन की जांच की गई तो फोन की टेक्स्ट लिस्ट बांग्ला भाषा में मिली.
पुलिस महानिदेशक ओ.पी. सिंह ने बाद में कहा कि लखनऊ में बाहरी लोग हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल थे. उन्होंने कहा कि पुलिस बाहरी लोगों के शामिल होने और इस हिंसा के पहले से ही निर्धारित होने के एंगल से जांच कर रही है.
विरोध के मद्देनजर एहतियात के तौर पर अलीगढ़, मऊ, आजमगढ़, लखनऊ, कानपुर, बरेली, शाहजहांपुर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, संभल और इलाहाबाद में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं.
बता दें कि शुक्रवार को कई स्थानों पर सीएए के विरोध में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. प्रदर्शनकारियों ने इस दौरान लखनऊ, कानपुर, गोरखपुर, मेरठ और संभल में पथराव और आगजनी की थी.
योगी ने राज्यपाल को हिंसा पर रिपोर्ट सौंपी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजभवन में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से मुलाकात की है. आधे घंटे चली इस मुलाकात में नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ चल रहे हिंसक आंदोलन के बारे में बात हुई. योगी ने राज्यपाल को इससे निपटने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी. राज्यपाल गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजेंगी.
योगी सरकार भेज रही वसूली के नोटिस
यूपी पुलिस लोगों को चिन्हित कर उन्हें जुर्माना नोटिस भेज रही है. जुर्माना नहीं चुकाने पर संपत्ति को कुर्क करने की बात हो रही है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 19 दिसंबर को हुई हिंसा के बाद पुलिस ने उपद्रवियों को सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से चिन्हित किया है और इसी के आधार पर उन पर कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है.