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येचुरी का मोदी सरकार पर हमला, कहा- CAA-NRC-NPR वापस लें

सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने उन लोगों पर निशाना साधा जो यह तर्क दे रहे हैं कि संसद से पास होने के बाद नागरिकता कानून का विरोध नहीं किया जा सकता.

सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:17 PM IST

  • संसद से पास होने पर इमरजेंसी का हुआ था विरोध- येचुरी
  • 'नागरिकता संशोधन कानून का हमने संसद में विरोध किया'

देश भर में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध जारी है. शाहीन बाग में पिछले 45 दिनों से महिलाएं सीएए के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रही हैं. यह देश भर में विरोध का मॉडल बन गया है. दूसरी ओर विपक्ष भी लगातार मोदी सरकार पर नागरिकता कानून को लेकर निशाना साध रहा है. अब सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने नागरिकता संशोधन कानून का जिक्र करते हुए इसकी तुलना इमरजेंसी से की है.

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सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हालांकि नागरिकता कानून को संसद से मंजूरी मिल चुकी है लेकिन सड़कों पर इसका विरोध जारी है. यह ठीक वैसा ही है जैसे संसद से पास होने के बाद भी इमरजेंसी का विरोध सड़कों पर होता रहा था.

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सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने उन लोगों पर निशाना साधा जो यह तर्क दे रहे हैं कि संसद से पास होने के बाद नागरिकता कानून का विरोध नहीं किया जा सकता. अपना तर्क देते हुए येचुरी ने कहा कि इमरजेंसी में यही हुआ था. लेकिन हमने इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी और लोकतंत्र को बचाए रखा.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक येचुरी ने कहा कि सरकार को देश भर में लगातार हो रहे विरोध को समझना चाहिए. सरकार को जनता की आवाज सुनते हुए नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) को वापस ले लेना चाहिए.

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उन्होंने कहा, ''हमने नागरिकता संशोधन कानून का संसद में विरोध किया. हमने इस बात पर सहमति जताई कि पड़ोसी देशों से आने वाले सभी धर्मों के लोगों को नागरिकता दी जाए. हमने संसद में जिस बात पर विरोध किया, उसी का विरोध भारत की सड़कों पर हो रहा है." येचुरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस देश को धर्म, जाति और खानपान के आधार पर बांट कर शासन करने में विश्वास रखती है.

देश के 9 राज्यों में CAA के खिलाफ प्रदर्शन

इस वक्त शाहीन बाग की तर्ज पर ही देश के करीब 9 राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है. इन राज्यों में महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. झारखंड की राजधानी रांची में भी CAA के खिलाफ महिलाओं ने आवाज बुलंद कर रखी है. उधर, पटना के सब्जी बाग में भी शाहीन बाग बन गया है. यहां 12 जनवरी से स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा बिहार के गया, बेगूसराय और सहरसा में भी शाहीन बाग की तर्ज पर धरना-प्रदर्शन हो रहा है.

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महाराष्ट्र के औरंगाबाद में भी कई दिनों से महिलाएं डटी हैं, जबकि अमरावती में भी महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं. औरंगाबाद में  CAA के खिलाफ प्रदर्शन पर बैठीं महिलाओं का कहना है कि जब तक CAA वापस नहीं होता है वे वापस नहीं जाएंगीं.

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