Advertisement

नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एक्ट को कैबिनेट की मंजूरी

वित्त मंत्री ने केंद्रीय मंत्रीमंडल की गुरुवार को हुई बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'सरकार का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के बीच इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एक्ट (आईपीआर) के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना है.'

वित्त मंत्री अरुण जेटली वित्त मंत्री अरुण जेटली
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2016,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

एनडीए सरकार की केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार को राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एक्ट) काननू को मंजूरी दे दी. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस बाबत घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस कानून के पीछे सरकार की मंशा क्रिएटिविटी, इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशि‍प को बढ़ावा देने की है.

वित्त मंत्री ने केंद्रीय मंत्रीमंडल की गुरुवार को हुई बैठक के बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'सरकार का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के बीच इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एक्ट (आईपीआर) के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक लाभों के बारे में जागरूकता पैदा करना है.' मंत्री ने यह भी कहा कि 2017 तक ट्रेडमार्क पंजीकरण की अवधि कम होकर एक महीने रह जाएगी.

Advertisement

नीति के सात उद्देश्य
अरुण जेटली ने आगे कहा, 'इस नीति का लक्ष्य है बौद्धिक संपदा के हर स्वरूप, इससे जुड़े नियम और एजेंसियों के बीच तालमेल बिठाना और इसका उपयोग करना.' वित्त मंत्री के मुताबिक नीति के सात उद्देश्य हैं. इनमें आईपीआर के बारे में जागरुकता, आईपीआर के लिए प्रोत्साहन, सख्त एवं प्रभावी कानून की जरूरत और प्रवर्तन तथा न्याय प्रणाली को मजबूत किया जाना शामिल है.

नीतियों के उल्लंघन से मुकाबला
मंत्री ने बताया कि ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि नीतियों के उल्लंघन का मुकाबला किया जा सके. नीति में स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और पर्यावरण सुरक्षा तक पहुंच के लिए प्रोत्साहन दिया गया है. उम्मीद है कि यह भारत में बौद्धिक संपदा के लिए भावी खाका तैयार करेगा. इसके अलावा इससे कार्यान्वयन, निगरानी और समीक्षा के लिए संस्थागत प्रणाली की व्यवस्था होगी. इसका लक्ष्य है भारतीय परिप्रेक्ष्य में वैश्विक स्तर पर प्रचलित बेहतरीन कार्य-व्यवहार को लागू करना और उसे अनुकूल बनना.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement