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अब ससंद की रक्षा समिति में सर्जिकल स्ट्राइक की गूंज

लगभग 12 बजे रक्षा मंत्रालय के सचिव और सेना सह प्रमुख ला. ज. कर्मवीर रावत ने समिति के सदस्यों को सर्जिकल स्ट्राइक पर 20 मिनट तक ब्रीफिंग दी और बताया की कैसे भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के कैंपस को तबाह किया.

फाइल फोटो फाइल फोटो
प्रियंका झा/हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 10:08 AM IST

भारतीय सेना ने जब से पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की हैं तब से इस पर राजनीती थम नहीं रही हैं. अब इस पर राजनीती संसद की स्थाई समिति तक पहुंच गई हैं. गुरुवार को रक्षा संबंधित संसद की स्थाई समिति की बैठक में भी सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस के सांसद मधुसूदन मिस्त्री और अम्बिका सोनी ने समिति के अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बीसी खंडूरी से इतने नाराज हो गए की उन्होंने खंडूरी पर समिति का एजेंडा बदलने का आरोप लगा कर विपक्ष के सांसदो की लामबंदी शुरू कर दी.

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दूसरी तरफ समिति के अध्यक्ष बीसी खंडूरी ने मौके की नजाकत समझते हुए शुक्रवार को समिति की बैठक शुरू होते ही सभी सदस्यों को कहा की आज सेना की तरफ से सर्जिकल स्ट्राइक पर समिति के सदस्यों को ब्रीफिंग दी जायेगी. लगभग 12 बजे रक्षा मंत्रालय के सचिव और सेना सह प्रमुख ला. ज. कर्मवीर रावत ने समिति के सदस्यों को सर्जिकल स्ट्राइक पर 20 मिनट तक ब्रीफिंग दी और बताया की कैसे भारतीय सेना ने पाक अधिकृत कश्मीर में घुसकर आतंकियों के कैंपस को तबाह किया.

सेना की ब्रीफिंग के बाद कांग्रेस के सदस्य मधुसूदन मिस्री और अंबिका सोनी सेना के अधिकारियों से सवाल पूछना चाहते थे लेकिन समिति के अध्यक्ष बीसी खंडूरी ने उन्हें सवाल करने की इजाजत नहीं दी उसके बाद कांग्रेस के सांसदो ने ये कह कर शोर मचना शुरू कर दिया अध्यक्ष उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं. इस शोर शराबे के बीच समिति की बैठक 25 मिनट तक चलती रही लेकिन उसके बाद अध्यक्ष ने बैठक शोर शराबे को देखते हुए बैठक को समाप्त कर दिया.

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समिति के अध्यक्ष बीसी खंडूरी ने आज तक से बातचीत में कहा की मधुसूदन मिस्री से उनकी पुरानी दोस्ती हैं. उन्होंने कहा मैंने समिति के सदस्यों को कहा की ब्रीफिंग से संबंधित ही सवाल पूछे लेकिन कांग्रेस के सदस्य ब्रीफिंग से हट कर सवाल करना चाह रहे थे इसलिए मैंने उन्हें सवाल पूछने की इजाजत नहीं दी. खंडूरी ने ये भी बताया की उन्होंने समिति का कोई एजेंडा नहीं बदला हैं बल्कि सबसे जरुरी विषयों पहले समिति के सामने आये जैसे सेना के जवानों के वोट डालने का मैटर लंबे समय से पेंडिंग पड़ा था उस पर पहले चर्चा शुरू की थी. सर्जिकल स्ट्राइक पर ब्रीफिंग और चर्चा से नहीं भाग रहे थे.

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