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नागाओं के कड़े विरोध के बाद भी मणिपुर में 7 नए जिलों का गठन

कैबिनेट सचिवालय के सूत्र ने बताया कि नए गठित जिलों के नाम कांगपोकपी, तेंगनुपाल, फेरजॉल, नोनी, कामजोंग, जिरिबाम और काकचिंग हैं.

मणिपुर के सीएम इबोबी सिंह मणिपुर के सीएम इबोबी सिंह
अंजलि कर्मकार/मनोज्ञा लोइवाल
  • इंफाल,
  • 09 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

नागाओं के कड़े विरोध का बावजूद मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार ने राज्य में मौजूदा नौ जिलों का विभाजन कर सात और नए जिलों के गठन का फैसला किया है. ऐसे में अब मणिपुर में कुल 16 जिले हो गए हैं. सात नए जिले के गठन का फैसला प्रशासनिक सुविधा के लिए लिया गया है, ताकि राज्य के सुदूर और अविकसित भागों में विकास कार्य प्रभावी ढंग से किया जा सके.

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ये हैं नए जिलों के नाम
सूत्र ने बताया कि सात नए जिले के गठन का यह फैसला मुख्यमंत्री सचिवालय में गुरुवार शाम मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है. कैबिनेट सचिवालय के सूत्र ने बताया कि नए गठित जिलों के नाम कांगपोकपी, तेंगनुपाल, फेरजॉल, नोनी, कामजोंग, जिरिबाम और काकचिंग हैं.

पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति का आदेश जारी
सूत्र ने बताया कि सरकार ने कल गठित नए जिलों में उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक नियुक्त करने का भी आदेश जारी कर दिया है.

नए जिलों के गठन को लेकर नागाओं का विरोध क्यों?
दरअसल, ये दोनों इलाके नागा और आदिवासी बहुल हैं. इन संगठनों की दलील है कि यह जमीन नागाओं की पैतृक संपत्ति है. ऐसे में उनसे सलाह-मशविरा किए बिना अलग जिलों के गठन से उनके हित प्रभावित हो सकते हैं. नगा छात्र संघ (एनएसएफ) ने कहा है कि सदर हिल्स के गठन में नागा लोगों की राय ली जानी चाहिए. इसके बिना कोई एकतरफा फैसला राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव के हित में नहीं होगा. 

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ये हैं पुराने जिले
बता दें, मणिपुर में पहले सिर्फ 9 जिले थे, जिसके नाम- इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, बिष्णुपुर, थोबाल, उखरल, सेनापति, तामेंगलांग, चूड़ाचांदपुर और चंदेल हैं.

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