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सेना में खाने की खराब क्वालिटी पर CAG ने कई बार उठाए हैं गंभीर सवाल

भारतीय सेना में भी खाने की खराब क्वालिटी पर 'आज तक' की पड़ताल में पता चला है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने सैनिकों के लिये खराब राशन की सप्लाई पर कई बार गंभीर सवाल उठाए हैं.

बीएसएफ जवान ने फेसबुक पर किया खुलासा बीएसएफ जवान ने फेसबुक पर किया खुलासा
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:01 AM IST

भारतीय सेना में भी खाने की खराब क्वालिटी पर 'आज तक' की पड़ताल में पता चला है कि भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने सैनिकों के लिये खराब राशन की सप्लाई पर कई बार गंभीर सवाल उठाए हैं.

अगस्त 2010 को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कैग ने सैनिकों के लिए चावल , दाल, शक्कर, चाय, तेल, फल और दूध आदि के 'सप्लाई चेन प्रबंधन' पर गंभीर सवाल उठाए थे. इसमें कहा गया था कि सेना की उत्तरी कमान में तैनात तीन लाख सैनिकों को राशन की अनुमानित स्टोरेज अवधि के बाद इसकी सप्लाई की गई. साथ ही मात्रा, क्वालिटी और स्वाद तीनों मामलों में भोजन सैनिकों के लिये संतोषजनक नहीं होता है. इसलिए खराब राशन मुहैया कराने वाले प्रतिष्ठानों को काली सूची में डालने से लेकर पूरी प्रक्रिया में परिवर्तन की ज़रूरत है.

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एक्सपायर हो चुके राशन की सप्लाई
जुलाई 2016 में भी सीएजी ने संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में लगभग यही बातें कही थी. सीएजी ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर के ऑपरेशनल इलाकों में तैनात सैनिकों को एक्सपायरी डेट के बाद राशन की सप्लाई की गई. फीडबैक के आधार पर कैग ने कहा की भोजन की क्वालिटी, मात्रा और स्वाद तीनों पैमानों पर 68 प्रतिशत सैनिकों ने ही इसको संतोषजनक या इससे भी निचले स्तर का माना.

क्वालिटी खराब और कीमत भी ज्यादा
सीएजी ने इस रिपोर्ट में कहा कि संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) ने साल 2011 में राशन की सप्लाई चेन मैनेजममेंट को व्यवस्थित करने के लिए 12 सिफारिशें की थीं, लेकिन उनमें से सिर्फ दो ही सिफारिशों को ही लागू किया गया. सीएजी के मुताबिक सेना की उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी कमान में राशन की खरीद की प्रक्रिया ग़ैर-प्रतिस्पर्धी है, लिहाज़ा यह राशन न सिर्फ क्वालिटी में खराब है बल्कि इसकी क़ीमत भी ज़्यादा है. साथ ही रक्षा मंत्रालय और सेना के बीच समन्वय की कमी के कारण कुछ आइटम अनावश्यक रूप से ज़्यादा मात्रा में खरीद लिये गए.

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बीएसएफ को सेना से बेहतर खाना
इधर सेना के सूत्रों के मुताबिक़ एलओसी पर सेना के नियंत्रण में तैनात बीएसएफ के जवानों को उनके स्केल के मुताबिक़ ड्राई राशन दिया जाता है. उसे बनाने का काम बीएसएफ के जवान और कुक खुद तैयार करते हैं. सेना में जवान को हर दिन 2000 कैलोरी दी जाती हैं. सरहद पर तैनात सेना, बीएसएफ और आईटीबीपी के जवानों को एक ही स्केल का राशन दिया जाता है.

सामान्य पड़ताल से पता चलता है कि बीएसएफ का राशन कई मायनों में सेना के राशन से बेहतर है. नौ हजार फ़ीट से ऊपर की ऊंचाई पर तैनात जवानों को स्पेशल राशन मिलता है, जिसमें ड्राई फ्रूट, चॉकलेट, क्रीम बिस्किट, देशी घी, जूस, रसगुल्ला एक्स्ट्रा अंडा आदि शामिल हैं. ख़ास बात ये है सेना के जवानों को हाई एल्टिट्यूड पर ही देशी घी मिलता है.

सेना जवान को रोज मिलने वाला राशनः
आटा/चावल- 620 ग्राम
तेल- 80 ग्राम
चीनी - 90 ग्राम
दाल- 90 ग्राम
चायपत्ती- 9 ग्राम
आलू - 110 ग्राम
सब्जी- 240 ग्राम
मीट अंडा- 285 ग्राम
पनीर -100 ग्राम
दूध- 850 मिलीलीटर (शाकाहारी को), 500 मिलीलीटर (मांसाहारी को)

बीएसएफ जवान को रोज मिलने वाला राशनः
आटा- 400 ग्राम
चावल- 220 ग्राम
घी/तेल- 60 ग्राम
चीनी - 60 ग्राम
दाल- 90 ग्राम
चायपत्ती- 7 ग्राम
मसाले - 14 ग्राम
नमक- 20 ग्राम
आलू - 60 ग्राम
प्याज- 60 ग्राम
सब्जी- 120 ग्राम
मीट अंडा- 100 ग्राम
पनीर -100 ग्राम
दूध- 850 मिलीलीटर (शाकाहारी को), 500 मिलीलीटर (मांसाहारी को)

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