
कथित तौर पर खालिस्तान समर्थक संगठनों के पैरोकार माने जाने वाले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो बुधवार को सिखों के पवित्र शहर अमृतसर की यात्रा पर आ रहे हैं.
एक दिन की यात्रा के दौरान वह लगभग 3:30 घंटे अमृतसर में रहेंगे. वह सुबह करीब 10:30 बजे के करीब अमृतसर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर उतरेंगे, जहां स्थानीय प्रशासन के लोग उनका स्वागत करेंगे. वह सबसे पहले स्वर्ण मंदिर परिसर जाएंगे और लगभग 50 मिनट वहां ठहरने के बाद पार्टीशन म्युजियम (बंटवारा संग्रहालय) जाएंगे. हालांकि वह जालियांवाला बाग स्मारक नहीं जाएंगे.
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पार्टीशन पर आधारित म्युजियम देखने के बाद ट्रुडो अमृतसर के ताज होटल में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मुलाकात करेंगे. संभवतः इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच एनआरआई पंजाबी लोगों से जुड़े कई मुद्दों पर बातचीत हो सकती है.
दरअसल मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने काफी ना नुकुर के बाद प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से मुलाकात करने का फैसला लिया है. कनाडा के रक्षा मंत्री सज्जन कुमार से तनातनी के चलते कैप्टन अमरिंदर सिंह जस्टिन ट्रूडो से नहीं मिलना चाहते थे, लेकिन राजनीतिक नुकसान के चलते उनको ट्रुडो से मुलाकात का फैसला लेना पड़ा.
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अकाली नेता भी करेंगे मुलाकात
उधर, जस्टिन ट्रूडो के एक दिवसीय दौरे का राजनीतिक फायदा सीधे-सीधे शिरोमणि अकाली दल को पहुंचेगा. पूर्व उपमुख्यमंत्री और अकाली दल प्रमुख सुखबीर सिंह बादल और उनकी केंद्रीय मंत्री धर्मपत्नी हरसिमरत कौर बादल लगभग 50 मिनट ट्रुडो के साथ गोल्डन टेंपल परिसर में रहेंगे, जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह स्वर्ण मंदिर नही जाएंगे.
कुल मिलाकर जस्टिन ट्रूडो की यह मुलाकात अकाली दल के लिए फायदे का सौदा माना जा रहा है. उधर, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कनाडा के रक्षा मंत्री से तनातनी के चलते एनआरआई मतदाताओं की नाराजगी मोल ले ली है. हालांकि ट्रुडो से मुलाकात का फैसला देर से लिया जिसका कांग्रेस को राजनीतिक नुकसान उठाना ही होगा.