
देश के एलीट कमांडो यानी नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) कमांडो पिछले दो दशकों से आत्मघाती फिदायीन हमलों से लड़ने और आतंकवादियों की किसी बड़ी कार्रवाई को नेस्तनाबूद करने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं. ऐसे हर संकट में एकमात्र एनएसजी के कमांडो ही संकटमोचक साबित हुए हैं.
एनएसजी के कमांडो हमारे देश में प्रति-हमला और सुरक्षा के अंतिम पर्याय हैं. एनएसजी के ब्लैक कैट कमांडो अपनी इसी खासियत की वजह से आज देश के रीयल हीरो बनकर उभरे हैं. लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि एनएसजी के इन रियल हीरो की कामयाबी अकेले नहीं बनी बल्कि इन कमांडो के साथ साये की तरह हर एक ऑपरेशन में एनएसजी के K.9 डॉग का दस्ता रहता है. एनएसजी का K9 डॉग दस्ता विश्व के उन डॉग दस्तों में से एक है, जो बड़े-बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने में सफल रहा है.
सितंबर में होगा K9 का नेशनल स्तर का सेमिनार
अमेरिका के शील कमांडो ने जब ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के ऐबटाबाद में एक ऑपरेशन में खत्म किया था, उस समय उसकी टीम में बेल्जियन मेलिनोइस किस्म का डॉग था. जिसने आतंकी को धर दबोजा था. एनएसजी के पास भी अब इसी किस्म के डॉग हैं. एनएसजी अपनी डॉग की ताकत को विश्व स्तर पर जानने के लिए 7 और 8 सितंबर को K9 का नेशनल स्तर का सेमिनार कर रहा है. जिसमें अमेरिका, इजरायल, फ्रांस और ब्रिटेन के K9 दस्ते और उनके एक्सपर्ट शामिल हो रहे हैं. इस सेमिनार में डॉग दस्ते की आतंकी घटनाओं में क्या उपयोगिता रहेगी और आने वाली बड़ी चुनौतियों के लिए क्या नई तैयारी करनी होगी उस पर विस्तृत चर्चा होगी.
ये डॉग्स सिर के इशारे से देते हैं जानकारी
एनएसजी में 'बेल्जियन मेलिनोइस' नस्ल के करीब दो दर्जन कुत्तों को रखा गया है. ये एनएसजी के 'ब्लैक कैट' कमांडो के आतंकवाद निरोधक अभियान के आवश्यक अंग हैं. एनएसजी के खोजी कुत्तों के स्पेशल दस्ते 'K 9' में काम करने वाले फोर्स के अफसर ने कहा कि ये कुत्ते एनएसजी के ऑपरेशन विंग में काफी सालों से काम कर रहे हैं. दुनियाभर में स्पेशल फोर्स ने आतंकवाद के खिलाफ अभियान में इन कुत्तों की अहमियत समझी है. बेल्जियन मेलिनोइस किस्म के ये डॉग बड़े सिर और चौड़ी नाक वाले कुत्ते बिना कोई गलती किए संदिग्ध मनुष्यों, विस्फोटकों और आईईडी की गंध पहचान सकते हैं.
ये डॉग्स अपने सिर के इशारे से बड़ी अच्छी जानकारी दे सकते हैं. यह अन्य खोजी कुत्तों की तरह भौंककर इशारा नहीं करते. जिससे संदिग्धों के सतर्क होने की आशंका होती है. एनएसजी अधिकारियों के मुताबिक कमांडो अब तक जर्मन शेफर्ड और लेब्राडोर जैसे कुत्तों की मदद ऑपरेशन में लेते रहे हैं. लेकिन नई नस्ल के कुत्ते से उनके विशेष अभियान को और ज्यादा धार मिलेगी.