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अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला बटिंगू के इस परिवार के लिए बना मुसीबत

सदिया की रोजी रोटी एक छोटी सी दुकान से चलती है उसका आरोप है कि उसके घर में तोड़फोड़ की गई और उसके घरवालों को मारा गया. उसकी छोटी बहन महक भी अपनों का हाल-चाल जानने के लिए परेशान है. ये वाकया उस रात के है जब आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों की बस को निशाना बनाया था.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
मौसमी सिंह
  • अनंतनाग ,
  • 12 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 8:12 AM IST

सादिया और महक टकटकी लगाए बैठी हैं. सोमवार शाम एकाएक उनके घर के बाहर गोलियों की गड़गड़ाहट सुनाई दी फिर उसके बाद और गोलियां और फिर और गोलियां. गोलियों की आवाज खत्म हो गई थी फिर भी पूरा परिवार सहमा हुआ था.

इस परिवार को जिसका डर था वही हुआ. दरवाजे में जोर-जोर के खटखटाने की आवाज और बाहर सुरक्षाकर्मियों का घेरा था. वह अंदर आने की बात कर रहे थे फिर क्या हुआ पलक झपकते ही सुरक्षाकर्मी अंदर थे और सादिया के घर के 5 सदस्यों को उठाकर ले गए. सुरक्षाकर्मी उसके दोनों भाइयों को भी ले गए. साथ ही उनके दो दोस्त जो श्रीनगर से आए थे और वहां MBBS की पढ़ाई कर रहे थे उनको भी बिना बताए, बिना कुछ कहे ले गए, लेकिन अब सादिया की मां का रो रोकर बुरा हाल है. गिरफ्तार हुए लोगों में एक शख्स दसवीं कक्षा का छात्र है.

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सदिया की रोजी रोटी एक छोटी सी दुकान से चलती है उसका आरोप है कि उसके घर में तोड़फोड़ की गई और उसके घरवालों को मारा गया. उसकी छोटी बहन महक भी अपनों का हाल-चाल जानने के लिए परेशान है. ये वाकया उस रात के है जब आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों की बस को निशाना बनाया था. हमले के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने आस-पास के इलाके में रहने वाले लोगों से पूछताछ शुरू कर दी ताकि आतंकियों के बारे में कोई सबूत मिल सके.

कश्मीर में बीते कई दिनों से तनाव का माहौल है. कभी पत्थरबाज को कभी आतंकी हमले से सेना का सामना होता रहता है. ऐसे में सुरक्षाबल और स्थानीय पुलिस इलाके में रहने वाले स्थानीय लोगों से आतंकियों की पहचान और सबूत जुटाने के लिए पूछताछ करते हैं जो कि कई बार स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है.

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