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सब्जियों के गिरते दाम से किसान परेशान, नहीं हो पा रहा कैशलेस व्यापार

पिछले एक महीने में ही सब्जियों के दाम आधे गिर गए हैं. विक्रेताओं की माने तो इस सीजन में सब्जियों की पैदावार अच्छी होती है, लेकिन इस बार नोट बंदी की वजह से लोग बहुत सीमित मात्रा में खरीददारी कर रहे हैं.

नहीं हो पा रहा कैशलेस व्यापार नहीं हो पा रहा कैशलेस व्यापार
प्रियंका सिंह/सुरभि गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 20 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 7:17 PM IST

सर्दियों की शुरुआत और सब्जियों के गिरते दाम ग्राहकों के लिए तो राहत की बात हैं, लेकिन एक तरफ नोटबंदी और दूसरी तरफ इस सीजन में सब्जियों के गिरते दामों की वजह से किसानों और मंडी विक्रेताओं पर दोहरी मार पड़ी है. इसकी वजह से विक्रेताओं को अपनी लागत निकालने में भी मुश्किल हो रही है.

आधे हुए सब्जियों के दाम
पिछले एक महीने में ही सब्जियों के दाम आधे गिर गए हैं. विक्रेताओं की माने तो इस सीजन में सब्जियों की पैदावार अच्छी होती है, लेकिन इस बार नोट बंदी की वजह से लोग बहुत सीमित मात्रा में खरीददारी कर रहे हैं. इसीलिए ज्यादातर सब्जियां बेकार हो जाती हैं. बेकार होने के डर से ही मंडी में सब्जियां बहुत सस्ती हो गई हैं.

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गाजर की कीमत 30 रुपये से गिरकर 15 प्रति किलो, शिमला मिर्च 50 से गिरकर 30 रुपये प्रति किलो, फूलगोभी 40 से गिरकर 15 रुपये प्रति किलो, टमाटर 40 से गिरकर 10 रुपये प्रति किलो, मटर 40 रुपये से 20 रुपये प्रति किलो और मेथी पत्ता 40 रुपये से 10 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं.

कैश की कमी का मंडी पर पड़ रहा असर
अगर रिटेल मार्केट की बात करें, तो यहां भी विक्रेताओं का कहना है कि कैश की कमी के कारण ही मंडी से ज्यादा माल नहीं आ पाता और आने-जाने का खर्च उतना ही है. इसीलिए लागत निकालने के लिए सब्जियां महंगी बेचनी पड़ती हैं. रिटेल मार्केट में मटर 30 रुपये प्रति किलो, प्याज 25 रुपये प्रति किलो , टमाटर 30 रुपये प्रति किलो, शिमला मिर्च 40 रुपये प्रति किलो और मेथी 20 रुपये किलो बिक रही है.

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कैशलेस व्यापार समझ से परे
इसका मतलब है कि हर सब्जी विक्रेता मंडी भाव से 10 से 20 रुपये महंगी बेचने को मजबूर हैं और ग्राहक खरीदने को मजबूर हैं. कुल मिलाकर विक्रेता कैशलेस भुगतान करना तो चाहते हैं, लेकिन बड़े होलसेल बाजार में कैशलेस व्यापार अभी व्यापारियों और किसानों की समझ से परे है और इसीलिए सब्जियों के बाजार में कैश से ही खरीददारी हो रही है.

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