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50 दिनों में कितने कैशलेस हुए दिल्ली सरकार के दफ्तर

नोटबंदी के साथ ही मोदी सरकार ने देश के तमाम सरकारी दफ़्तरों को कैशलेस होने के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन तो दे दी है लेकिन दावों के उलट कई सरकारी संस्थान अबतक कैशलेस नहीं हो पाए हैं. आजतक ने दिल्ली के अलग अलग सरकारी विभागों के कैशलेस होने का रिएलिटी चेक किया.

कैशलेस पर रियालिटी चेक कैशलेस पर रियालिटी चेक
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:23 PM IST

नोटबंदी के साथ ही मोदी सरकार ने देश के तमाम सरकारी दफ़्तरों को कैशलेस होने के लिए 31 दिसंबर तक की डेडलाइन तो दे दी है लेकिन दावों के उलट कई सरकारी संस्थान अबतक कैशलेस नहीं हो पाए हैं. आजतक ने दिल्ली के अलग अलग सरकारी विभागों के कैशलेस होने का रिएलिटी चेक किया. पढ़िए ये रिपोर्ट-

हाल ही में केजरीवाल सरकार ने ये दावा किया कि दिल्ली के कई सरकारी विभाग अब कैशलेश हो गए हैं. आजतक की टीम ने सबसे पहले दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग में पड़ताल की. मंगलवार को करीब 12 बजे हमारी टीम काले खां के RTO दफ़्तर पहुंची. इस दफ़्तर में 30 रुपए से 3 हजार से ज्यादा तक की पेमेन्ट होती है लेकिन दावे के उलट ये विभाग अब तक कैशलेस नहीं हो पाया है.

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सराय काले खां के आरटीओ दफ़्तर का दौरा करने पर पता चला कि यहां डिजिटल पेमेन्ट के लिए स्वाइप मशीन अबतक मुहैया नहीं हो पाई है. लाइसेंस बनवाने पहुंचे अंकुर ने बताया कि फीस के तौर पे उन्हें नगद 300 रुपए देने पड़े जबकि कैशलेस का यहां कोई इंतजाम नहीं था.

इसके बाद हमारी टीम ने नई दिल्ली के डीएम दफ़्तर में कैशलेस की पड़ताल की लेकिन यहां भी कैशलेस का कोई इंतजाम नहीं नज़र आया. पूर्वी दिल्ली के डीएम दफ़्तर में भी 10 रुपए से लेकर 1000 रुपए से ज्यादा तक के कैश का लेनदेन होता है. अधिकारियों ने ऑफ़ कैमरा बताया कि 31 दिसंबर तक कैशलेस होने की तैयारी चल रही है. डीएम दफ़्तर में ज्यादातर लोग मैरिज सर्टिफिकेट के लिए आते हैं जिसमे 200 से लेकर 2000 तक के कैश की जरूरत होती है लेकिन यहां भी अबतक कैशलेस की सुविधा उपलब्ध नहीं है.

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