
कावेरी जल विवाद पर चल रही सुनवाई में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल कावेरी वाटर मैनेजमेंट बोर्ड के गठन का आदेश दिया. कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को अगली सुनवाई होने तक रोजाना तमिलनाडु के लिए 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश भी दिया. इस मामले की अगली सुनवाई 27 सितंबर को होगी. कोर्ट के आदेश के बाद बेंगलुरु में धारा 144 लगा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने कावेरी वाटर मैनेजमेंट बोर्ड बनाकर नोटिफाई करने के लिए केंद्र सरकार को चार हफ्तों का वक्त दिया है. इससे पहले ट्रिब्यूनल ने कर्नाटक को 30 सितंबर तक रोजाना 3 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का निर्देश दिया था, लेकिन मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोज 6 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाए.
बेंगलुरु में धारा 144 लागू
कावेरी विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद एक हफ्ते पहले बेंगलुरु और कर्नाटक के दूसरे हिस्सों में हिंसा भड़की थी. मंगलवार को भी बेंगलुरु प्रशासन ने ऐहतियात बरतते हुए शहर में धारा 144 लागू कर दी. सड़कों पर पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई है.
कावेरी विवाद को लेकर भड़की थी हिंसा
कावेरी जल विवाद को लेकर एक हफ्ते पहले कर्नाटक के अलग-अलग हिंसों में हिंसा हुई थी, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी और बेंगलुरु के केपीएन बस डिपो में प्रदर्शनकारियों ने तकरीबन 35 बसें फूंक दी थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर को सुनवाई के दौरान तमिलनाडु और कर्नाटक सरकारों को राज्य में विरोध-प्रदर्शनों पर रोकथाम न लगाने पर लताड़ लगाई थी और कहा कि उम्मीद है कि दोनों राज्य कानून का सम्मान करते
हुए शांति बहाल करेंगे.