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आरटीआई एक्टिविस्ट प्रेमकांत मर्डर केस में CBI ने दो लोगों को किया गिरफ्तार

फरवरी 2012 में मुंबई के विरार इलाके के फुलवाड़ा में आरटीआई एक्टिविस्ट प्रेमकांत झा को गोली मार दी गई थी. पुलिस को विरार हाईवे पर उनकी लाश मिली थी. घटना के वक्त वह अपनी बाइक से घर लौट रहे थे. उसी समय वारदात को अंजाम दिया गया.

मुंबई के विरार इलाके में घटी थी घटना मुंबई के विरार इलाके में घटी थी घटना
मुकेश कुमार
  • मुंबई,
  • 13 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:04 PM IST

मुंबई के RTI एक्टिविस्ट प्रेमकांत झा मर्डर केस में सीबीआई ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है. CBI द्वारा गिरफ्तार किए गए बाबूराव और उमेश को कोर्ट ने 18 जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. पुलिस उनसे इस केस के संबंध में पूछताछ करेगी.

जानकारी के मुताबिक, फरवरी 2012 में मुंबई के विरार इलाके के फुलवाड़ा में आरटीआई एक्टिविस्ट प्रेमकांत झा को गोली मार दी गई थी. पुलिस को विरार हाईवे पर उनकी लाश मिली थी. वह बाइक से घर लौट रहे थे. उसी समय वारदात को अंजाम दिया गया.

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पोस्टमार्टम से हुआ खुलासा
पुलिस को शुरुआती जांच में लगा कि यह सड़क हादसा है, लेकिन पोस्टमार्टम में खुलासा हुआ कि उनके सिर में गोली मारी गई है. इसके बाद जांच की दिशा बदल गई. प्रेमकांत भ्रष्टाचार विरोधी एक संस्था चलाते थे. उन्होंने आरटीआई के जरिए भ्रष्टाचार के कई मामले उजागर किए थे.

कानून बन गया काल
देश में सूचना के अधिकार कानून को लागू हुए करीब 10 साल से अधिक हो चुके हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, आरटीआई इस्‍तेमाल करने वाले लोगों में से करीब 39 की हत्या कर दी गई, जबकि 275 को प्रताड़ि‍त करने की घटना सामने आई है. सूचना मांगने वालों की नृशंस हत्या से देश दहल उठा.

सूचना मांगने पर मौत
बताते चलें कि पिछले साल यूपी में आरटीआई एक्टिविस्‍ट गुरु प्रसाद शुक्‍ला की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी गई थी. 2011 में बिहार में राम विलास सिंह की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई. वहीं, झारखंड के नियामत अंसारी, गुजरात के अमित जेठवा और पुणे के सतीश शेट्टी की भी हत्या कर दी गई.

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